Eidul Fitr Kais Manate Hain

Musalman Eidul Fitr Kaise Manate Hain | मुसलमान ईदुल फ़ित्र कैसे मनाते हैं ?

Musalman Eidul Fitr Kaise Manate Hain |

मुसलमान ईदुल फ़ित्र कैसे मनाते हैं ?

ईद-उल-फितर (Eid-ul-fitar) मुसलमानों का एक ऐसा त्योहार है, जिसको तीस रोजों के बाद, लैलतुल क़द्र की इबादत के बाद, एतिकाफ़ के बाद, और तरावीह के बाद, और पूरे महीने इबादत करने के बाद मनाया जाता है, ये सिर्फ़ अमीरों, मालदारों और बड़ों का ही त्यौहार नहीं, बल्कि गरीबों, कमज़ोरों, और उन बच्चों का भी त्यौहार है जिनके माँ बाप इस दुनिया में नहीं हैं

इसीलिये हदीस में ताकीद के साथ हुक्म दिया गया है कि गरीबों को भी अपनी खुशियों में शामिल करो और जो नेअमतें अल्लाह ने तुम्हें दे रखी हैं उसका कुछ हिस्सा इन कमज़ोरों पर खर्च करो ताकि इनको भी ईद मनाने का भरपूर मौक़ा मिले, दुनिया भर के मुसलमान बहुत जल्द चांद देख कर ईद-उल-फितर मनाएंगे, यह शव्वाल ( इस्लामी महीने का नाम ) के पहले दिन मनाया जाता है।

यहाँ पर कुछ कामों की लिस्ट हम दे रहे हैं जिससे आपको पता चलेगा कि सारी दुनिया में मुसलमान ईद कैसे मानते हैं

रमज़ान के आखिर में मनाया जाता है 

रमज़ान के पूरे महीने तीस रोज़े रखने होते हैं उसके बाद बाद इनाम के तौर पर अल्लाह तआला ने ईद का तोहफ़ा अता फ़रमाया है तो मुसलमान इस दिन रोज़े मुकम्मल कर लेने के बाद ईद का त्यौहार मानते हैं

नया चाँद देख कर ईद मनाते हैं

ईद का त्यौहार चाँद के ऊपर डिपेंड होता है, अगर ये 29 को ही निकल आया तो अगले दिन होगी और अगर 30 को निकला तो ईद फिर 30 के बाद ही होगी

ईद के लिए तय्यरियाँ

ये त्यौहार मुसलमानों के लिए इतना अहम् है कि इससे पहले अपने घर को साफ़ सुथरा करते हैं और नए कपडे पहनते हैं और मुसलमानों के घरों को देख कर इस बात का अंदाज़ा किया जा सकता है

ईद की नमाज़

ईद के दिन पहला काम गुस्ल करना (नहाना) और नए कपड़े पहनना, और ईद की नमाज़ पढ़ना, तो सारे मुसलमान एक साथ इकठ्ठा होकर ईदगाह में ईद की नमाज़ पढ़ते हैं यानि ये त्यौहार अल्लाह की इबादत से शुरू होता है

ईद के दिन तरह तरह के खाने बनाये जाते हैं 

नमाज़ के बाद मुसलमान एक दुसरे के घर जा कर उन खानों का मज़ा लेते हैं जो इस दिन ख़ास कर तैयार किये जाते हैं जैसे सिवई,जोकि इस दिन का एक ख़ास पकवान है और घर घर ये ज़रूर पाया जाता है

सद्क़तुल फ़ित्र निकालना

ईद की नमाज़ से पहले मुसलमान सद्क़तुल फ़ित्र निकलते हैं, सद्क़तुल फ़ित्र कहते हैं उस छोटी सी रक़म को जिसे शरीअत ने तय किया है कि इतना पैसा घर में मौजूद हर आदमी की तरफ से निकाल कर किसी गरीब को दे देना है

ग़रीबों की ईद के लिए भरपूर इन्तेजाम कर दिया जाता है

अभी आपने ऊपर सद्क़तुल फ़ित्र के बारे में पढ़ा जो गरीबों को दिया जाता है और अक्सर मुसलमान ज़कात का पैसा भी इसी महीने में निकालते हैं जिससे गरीबों के घर में भी रौशनी होती है और उनकी ईद भी ख़ुशी ख़ुशी गुज़रती है

आख़िर में ये दिन मुसलमानों के लिए अल्लाह का शुक्र अदा करने का दिन है कि जिस दिन दोस्तों और खानदान के साथ जमा होकर, मीठे पकवान बना कर, नए कपड़े पहन कर, और एक दुसरे को तोहफ़े देकर अपनी ख़ुशी का इज़हार करते हैं

अल्लाह  तआला रमज़ानुल मुबारक में रखे गए रोजों और नेक आमाल को क़ुबूल फरमाए और हमारी कोताहियों को माफ़ फरमाए और सारी दुनिया के मुसलमानों को ईद ख़ुशी से मनाने का मौक़ा अता फरमाए – आमीन

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