Wo Dhupon Me Tapti Zameeno Pe Sajde Nazm hindi

Wo Dhupon Me Tapti Zameeno Pe Sajde Nazm Hindi | सज्दे (नज़्म)

Wo Dhupon Me Tapti Zameeno Pe Sajde Nazm Hindi |

सज्दे (नज़्म)

सज्दा एक ऐसा अमल है जो इन्सान को अल्लाह के क़रीब करता है और सज्दा एक ऐसी हालत है जिस हालत में इन्सान अल्लाह के बहुत ज़्यादा क़रीब होता है और अल्लाह को उसपर बहुत प्यार आता है लेकिन आज हमारे सजदों की हालत बहुत ही खराब है जब क्यूंकि जब हम सजदों में होते हैं तो उसवक्त भी दुनियादारी हमारा पीछा नहीं छोड़ती जिसकी वजह से हमारे सजदे बेरूह और बेनूर होकर रह जाते हैं हमारे गुनाहों की नहूसत की वजह से सज्दों से मिलने वाली रोहानियत और अज़मत ख़त्म हो गयी

 

लेकिन अगर हम नबी और सहाबा और नेक बन्दों की तरफ़ देखें तो वो चाहे धुप में हो सफ़र में हों जंग में हों या ज़ख़्मी हों फिर भी उनके सजदों में वो रोहानियत होती थी जो आज मखमली रेश्मिदार मुसल्लों पर और चमकती दीवारों  के दरमियान भी मयस्सर नहीं उसी पर शायर ने बहुत खूब एक नज़्म (Wo Dhupon Me Tapti Zameeno Pe Sajde Nazm Hindi) लिखी है जिसको सुन कर अपने सज्दों की बदहाली, लाचारी और बीमारी याद आती है

Wo Dhupon Me Tapti Zameeno Pe Sajde Nazm Hindi |

सज्दे (नज़्म)

वह धूपों में तप्ती जमीनों पर सजदे, सफर में वह घोड़े की जीनों पर सजदे
चटानों की ऊंची जबीनों पे सजदे, वो सहरा बयाबां के सीनों पर सजदे
हलालत में सजदे मुसीबत में सजदे, वो फ़ाको में हाजत में गुरबत में सजदे
वह जंगो जदल में हरासत में सजदे, लगा तीर जख्मों की हालत में सजदे
वो गारों की वहशत में पुरनूर सजदे वो खंजर के साए में मसरूर सजदे
वो रातों को खलवत से मामूर सजदे वो लंबी रकातों से मसहूर सजदे
वो सजदे मुहाफ़िज़ मददगार सजदे ग़मों के मुकाबिल अतरदार सजदे
नजात और बख्शिश के सालार सज्दे झुका सर तो बनते थे तलवार सजदे

 

वो सजदों के शौक़ीन ग़ाज़ी कहां है जमीन पूछती है नमाज़ी कहाँ है
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह

 

हमारे बुझे दिल से बेज़ार सजदे ख्यालों में उलझे हुए चार सजदे
मुसल्ले हैं रेशम के बीमार सज्दे, चमकती दीवारों में लाचार सज्दे
रियाकार सज्दे, नादार सजदे, बेनूर बेजौक़ मुरदार सज्दे
सरों के सितम से हैं संगसार सज्दे, दिलों की नहूसत से मस्मार सजदे
हैं मफरूर सज्दे हैं मगरूर सजदे, हैं कमज़ोर बेजान माज़ूर सजदे
गुनाहों की चक्की में हैं चूर सजदे घसीटे गुलामों से मजबूर सजदे
कि सजदों में सर है भटकते हैं सजदे सरासर सरों पर लटकते हैं सजदे
निगाहें खुज़ु में लटकते हैं सज्दे दुआओं से दामन झटकते हैं सजदे

 

वो सजदों के शौक़ीन ग़ाज़ी कहां है जमीन पूछती है नमाज़ी कहाँ है
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह

 

चलो आओ करते हैं तौबा के सज्दे बहुत तिश्नगी से तवज्जो के सजदे
मसीहा के आगे मदावा के सजदे नदामत से सर ख़म शिकस्ता से सजदे
रज़ा वाले सजदे वफ़ा वाले सज्दे अमल की तरफ़ रहनुमा वाले सजदे
सरापा अदब इल्तिजा वाले सजदे बहुत आजिज़ी से हया वाले सजदे
निगाहों के दरबान रूदार सजदे वो चेहरे की ज़ोहरा चमकदार सज्दे
सरासर बदल दे जो किरदार सजदे कि बन जाये जीने के अतवार सजदे
खुज़ु की क़ुबा में यकीं वाले सजदे लहद के मकीं हमनशीं वाले सजदे
वो शाफीए महशर जबीं वाले सजदे वो शाफीए महशर जबीं वाले सजदे

 

वो सजदों के शौक़ीन ग़ाज़ी कहां है जमीन पूछती है नमाज़ी कहाँ है
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह

Wo Dhupon Me Tapti Zameeno Pe Sajde Nazm

 

Wo Dhupon Me Tapti Zameeno Pe Sajde Nazm
Wo Dhoopon Me Tapti Zameenon Pe Sajde
Safar Men Wo Ghodon Ki Zeenon Pe Sajde
Chatanon Ki Oonchi Jabeenon Pe Sajde
Wo Sahra Bayaban Ke Seenon Pe Sajde
Halalat Men Sajde Museebat Men Sajde
Wo Faqon Men Haajat Men Gurbat Men Sajde
Wo Jango Jadal Men Harasat Men Sajde
Laga Teer Zakhmon Ki Haalat Men Sajde
Wo Gaaron Ki Wahshat Men Purnoor Sajde
Wo Khanjar Ke Saye Me Masroor Sajde
Wo Raaton Ko Khalwat Se Mamoor Sajde
Wo Lambi Rakaton Se Mashoor Sajde
Wo Sajde Muhafiz Madadgaar Sajde
Gamon Ke Muqabil Atardar Sajde
Najaat Aur Bakhshish Ke Salar Sajde
Jhuka Sar To Bante The Talwar Sajde

 

Wo Sajdon Ke Shauqeen Gazi Kahan Hain
Zamee Poochti Hai Namazi Kahan Hain
Allah Allah Allah Allah Allah Allah

 

Hamare Bujhe Dil Se Bezar Sajde
Khayalon Men Uljhe Huye Chaar Sajde
Musalle Hain Resham Ke Beemar Sajde
Chamakti Deewaron Men Lachaar Sajde
Riyakar Sajde Nadar Sajde
Benoor Bezauq Murdar Sajde
Saron Ke Sitam Se Hain Sangsar Sajde
Dilon Ki Nahoosat Se Masmar Sajde
Hai Mafroor Sajde Hain Magroor Sajde
Hain Kamzor Bejan Mazoor Sajde
Gunahon ki chakki me hain choor sajde
Gunahon Ki Chakki Me Hain Choor Sajde
Ghaseete Gulamon Se Majboor Sajde
Ki Sajdon Men Sar Hai Bhatakte Hain Sajde
Sarasar Saron Pe Latakte Hain Sajde
Nigahe Khuzu Me Khatakte Hain Sajde
Duaon Se Daman Jhatakte Hain Sajde

 

Wo Sajdon Ke Shauqeen Gazi Kahan Hain
Zamee Poochti Hai Namazi Kahan Hain
Allah Allah Allah Allah Allah Allah

 

Chalo Aao Karte Hain Tauba Ke Sajde
Bahut Tishnagi Se Tawajjo Ke Sajde
Maseeha Ke Age Madawa Ke Sajde
Nadamat Se Sarkham Shikasta Se Sajde
Raza Wale Sajde Wafa Wale Sajde
Amal Ki Taraf Rahnuma Wale Sajde
Sarapa Adab Iltija Wale Sajde
Bahut ajizi Se Haya Wale Sajde
Nigahon Ke Darban Roodar Sajde
Wo Chehre Ki Zohra Chamakdar Sajde
Sarasar Badal De Jo Kirdar Sajde
Ke Ban Jayen Jeene Ke Atwar Sajde
Khuzu Ki Quba Men Yaqeen Wale Sajde
Lahad Ke Makeen Hamnashee Wale Sajde
Wo Shafi-E-Mahshar Jabeen Wale Sajde
Wo Shafi-E-Mahshar Jabeen Wale Sajde

 

Wo Sajdon Ke Shauqeen Gazi Kahan Hain
Zamee Poochti Hai Namazi Kahan Hain
Allah Allah Allah Allah Allah Allah

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