Tahajjud ke benefits | Tahajjud Quotes In Hindi

Tahajjud ke benefits | Tahajjud Quotes In Hindi | तहज्जुद की ख़ूबसूरत बातें

Tahajjud Ke Benefits | Tahajjud Quotes In Hindi |

तहज्जुद की ख़ूबसूरत बातें

इस सारी कायनात के मालिक अल्लाह तआला से उस वक़्त बात करना जबकि सारी दुनिया बेख़बर हो तो सबसे बेहतर वक़्त तहज्जुद का वक़्त है जब अल्लाह तआला अपने बन्दों से फरमाता है कि है कोई मांगने वाला जो मुझसे मांगे और मैं अता करू,  तो उस वक़्त जिनको तौफ़ीक़ मिलती है वो बन्दे उठते हैं और अपनी दरख्वास्त अल्लाह के सामने पेश करते हैं तो फिर अल्लाह उनकी इल्तिजाओं को रद नहीं करता और अपनी शान के मुताबिक़ अता करता है, तो आज हम तहज्जुद के बेनेफिट्स और तहज्जुद के कुछ कोट्स ( Tahajjud ke benefits | Tahajjud Quotes In Hindi ) बयान करेंगे जिससे आपको तहज्जुद के वक़्त उठने में मोटिवेशन मिलेगी

Tahajjud Ke Benefits | Tahajjud Quotes In Hindi |

तहज्जुद की ख़ूबसूरत बातें

तहज्जुद सुकून है, दिल का इलाज है, जख्मों का मरहम है, दुआओं की क़बूलियत है, सबसे बढ़कर रब से मुलाकात है,
तहज्जुद तो ऐसा इश्क है जो खुद आशिक को अपने महबूब से होता है


जो रात के आखिरी पहर अपनी नींद कुर्बान करके तहज्जुद में उठता है तो अल्लाह पाक उसको बहुत ही प्यार से देख रहा होता है और फरिश्तों से कहता है कि देखो ये है मेरा लाडला बंदा, इसने बिस्तर के साथ बेवफाई की, बस मेरी खातिर यह अपना बिस्तर छोड़ कर आया है,
बस मेरी खातिर यह अपनी नींद कुर्बान करके आया है इसलिए फरिश्तों, बस तुम गवाह रहना मैं हमेशा इसके साथ हूं, तुम गवाह रहना मैंने इसकी हर दुआ कबूल कर ली


फिर तुमने कैसे सोच लिया कि वह तुम्हारी नींद से कुर्बान सजदों की लाज नहीं रखेगा तुमने कैसे सोच लिया कि वह तुम्हें खाली हाथ लौटा देगा, उसको खाली हाथ लौटना तो आता ही नहीं, बल्कि जितना मांगा है उससे ज्यादा दे सकता है,


वह रब अपने बंदों को मायूस नहीं करता तुमने कैसे सोच लिया कि रात के आखिरी पहर अपने रब के सामने हाथ उठाओ, तुम उसको पुकारो और वह ना सुने, तुम तड़प कर मांगो और वह मदद ना भेजें


लाडले की जिद की ख्वाहिश की लाज तो माँ भी रख लेती है फिर वह 70 माओं से ज्यादा प्यार करने वाला रब उससे कैसे मायूस हो सकते हो, यह जानते हुए भी कि वह सिर्फ सब्र का इम्तिहान लेता है लेकिन कभी मेहरूम नहीं रखता, यक़ीन रखो वो तुम्हारी हर दुआ पर राज़ी है, हर आंसू पर राज़ी है तुम्हारी बेबसी पर राज़ी है, तुम्हारी ख़ामोशी पर राज़ी है, तुम्हारे सब्र पर भी राज़ी है, अगर वो तुम्हें यहाँ तक ले आया है तो यक़ीन रखो वहां तक भी ले जायेगा


जो कहानी एक बार उसे तहज्जुद के वक़्त सुना दी जाती है, वो उसे मुकम्मल किए बगैर वापस नहीं मुड़ता, वह वक्ते तहज्जुद तुम्हारी दास्तां सुनाने के लिए आंखों से नींद चुरा लेता है,,वह वक्त तहज्जुद बहाए गए आंसुओं का भरम रखता है,, वह बेचैनी को दिल में और आंसुओं को आंखों में उतार देता है, ताकि तुम अपनी तड़प में उसे रब की मोहब्बत महसूस कर सको


वह सब सुनता है हर चीज से वाकिफ है बस तुम से गुफ्तगू करने के लिए छोटे-छोटे जरिए बनाता है वह करोड़ों में से तहज्जुद के लिए चुनता है और यह उसकी मोहब्बत ही तो है जो तुम्हारे सजदों और तड़प को तहज्जुद तक ले आता है वह सजा नहीं दे रहा है यह तकलीफ और बेसुकूनी तो तुमको उसे तक ले जाने ले जाने का बहाना है


जिसने नसीब लिखा है वह नसीब बदल भी सकता है तो फिर मुतमइन हो जाओ और अल्लाह पर यकीन रखो क्योंकि वह उन्हीं दुआओं को तहज्जुद तक लाता है जिनको उसने पूरा करना होता है


तहज्जुद का बस एक सजदा तुम्हारा सारा नसीब मोड सकता है तहज्जुद में बहाया गया बस एक आंसू अल्लाह को तुमसे राजी कर सकता है
जो दुआओं से ना हो सका तहज्जुद से उसका होना भी हो सकता है, जो बंद हो गया हमेशा के लिए तहज्जुद से वह दरवाजा खुल सकता है


डरो नहीं, तहज्जुद के इन अंधेरों में तुम्हारे लिए मुआजज़ा छुपा हो सकता है, दो जहानों में ऐसा कुछ भी नहीं जो तहज्जुद में नहीं मिल सकता


जो अल्लाह की मोहब्बत को अव्वल रखते हैं अल्लाह भी उनकी मोहब्बत को जाया नहीं होने देता तुम उसकी मोहब्बत का हक अदा करो वह तुम्हारी मोहब्बत का हक अदा करेगा तुम उसके फैसलों पर दिल से राजी हो जाओ वह तुम्हारी दुआओं पर खुशी से राजी हो जाएगा,


तुम एक दफा अपनी चाहत के लिए उसके सामने हाथ तो उठा कर देखो वह तुम्हारी चाहत को ही तुम्हारा नसीब लिख देगा


रात के आखिरी पहर मांगी गई दुआओं में बहुत ताकत होती है क्योंकि उसमें इंसान से ज्यादा अल्लाह की रजा मौजूद होती है और जिन दुआओं में अल्लाह की रजा मौजूद होती है जल्द या देर उनके लिए आसमान से क़ुबूलियत का परवाना उतर ही आता है


अल्लाह की बेशुमार रहमतों में से एक रहमत तहज्जुद है कि उसने हमारे दुख सुनने के लिए पूरी दुनिया सुला दी है ऐसा इस दुनिया में कुछ भी नहीं जो तहज्जुद से किसी को मिला नहीं तहज्जुद में की गई इल्तिजाए अल्लाह कभी रद्द करता ही नहीं


हमारा रब अल्लाह कहता है मांगो मुझसे कैसे हो सकता है कि मैं दू नहीं, अल्लाह तो वो भी सुनता है जो तुम किसी से भी कहते नहीं कुरआन में अल्लाह के मुअजजों की दलीलें तुम्हारे लिए काफी नहीं हैं क्या तुम्हें मूसा अलैहिस सलाम और यूसुफ अलैहिस सलाम का किस्सा याद नहीं, जो किस्से याद दिलाते हैं कि ऐसा क्या है जो अल्लाह की एक कुन से नहीं हो सकता, या जो अल्लाह की दस्तरस और उसकी पहुँच से बाहर हो

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *