10 Quranic Inspirational Aayah In Hindi

10 Quranic Inspirational Aayah In Hindi | क़ुरान की 10 हौसला बढ़ाने वाली आयतें

10 Quranic Inspirational Aayah In Hindi |

क़ुरान की 10 हौसला बढ़ाने वाली आयतें

प्यारे दोस्तों ! कुरआन पाक को अल्लाह तआला ने एक ऐसी torch बनाया है कि कुफ्र, शिर्क और जाहिलियत के घटाटोप अंधेरों में ये सही, सच्चा और हक़ रास्ता तलाश करने में हमारी मदद करता है, अरबों और खरबों इंसानों से भरी इस दुनिया में अगर कोई इसको अपना लीडर और रहनुमा मानकर इसमें अपनी मुश्किलों का हल ढूँढता है तो उसको जगह जगह रुकावटें हटाने और बंद रास्ते खुलने की चाबी मिलती चली जाती है

वो समझ जाता है कि मेरा मक़सद इस दुनिया में क्या है और इस मक़सद को हासिल करने में जो चैलेन्ज सामने आयें उनपर कैसे क़ाबू पाया जाये, और कैसे निपटा जाये, क्यूंकि अलग अलग आयतों में उसको आगे बढ़ने का हौसला दिया जाता है तूफानों का मुक़ाबला करने की हिम्मत बधाई जाती है फिर अगर कोई मुश्किल आ जाये तो उसपर सब्र की तलकीन भी की जाती है और बगैर किसी को नुक़सान पहुंचाए अपनी मन्जिल तक पहुँचने जाने का हौसला अता किया जाता है

ऐसी ही 10 आयतें हम आपके सामने पेश करेंगे जो इन्सान को मोटीवेट करती हैं और उनके अन्दर तहरीक पैदा करती हैं

10 Quranic Inspirational Aayah In Hindi |

क़ुरान की 10 हौसला बढ़ाने वाली आयतें

पहली आयत : मुश्किल में फंसे लोगों के लिए कुरान की आयत

जो शख्स मुश्किल में हो उसे ऐसा लग रहा हो कि मुझपर मेरी ताक़त से ज़्यादा बोझ पड़ रहा है तो उसे कुरआन की ये आयत ज़रूर पढ़नी चाहिए

لَا يُكَلِّفُ ٱللَّهُ نَفْسًا إِلَّا وُسْعَهَا 

“अल्लाह किसी भी शख्स पर उसकी ताक़त से ज़्यादा बोझ नहीं डालता।” [कुरान सूरह बक़रह :286]

दूसरी आयत : कुरान की आयात अगर आप दूसरों को अपने से ज़्यादा पाते हुए देखते हैं

अगर आपको ऐसा लगता है कि मैं बहुत मेहनत करता हूँ लेकिन मुझपर अल्लाह की वो इनायत नहीं हैं जो मेरे पड़ोसी या फुलां इन्सान पर है जिसपर नेअमतों की बारिश होती रहती है तो उसे ये आयत ज़रूर पढ़नी चाहिए

إِنَّ ٱلْفَضْلَ بِيَدِ ٱللَّهِ يُؤْتِيهِ مَن يَشَآءُ وَٱللَّهُ وَ ٰسِعٌ عَلِيمٌ

“देखो, सारी फ़ज़ीलत अल्लाह के हाथ में है; वह जिसे चाहता है अता कर देता है: क्योंकि अल्लाह बड़ी वुसअत वाला है, हर चीज़ का इल्म रखता है ” (कुरान सूरह आले इमरान आयत न. 73)

जी हाँ ! अल्लाह जानता है किसे, कब, और कितना अता करना है

 

तीसरी आयत : सब्र के बारे में क़ुरान की आयत

अगर आप हालात और मुश्किलात से हार गए हैं और खौफज़दा हैं तो कह दीजिये मुश्किलों से और कह दीजिये इन हालात से कि आओ और हमें डराओ क्यूंकि इनका असर हम पर होने वाला नहीं जबकि कुरआन की ये आयत हमें सिखाती है कि कि

حَسْبُنَا ٱللَّهُ وَنِعْمَ ٱلْوَكِيلُ

हमारे लिए अल्लाह ही काफ़ी है; और वह बेहतरीन कारसाज़ है! (सूरह आले इमरान : आयत न. 173)

 

चौथी आयत : कुरान की आयत अगर आप दुखी महसूस करते हैं

आप परेशान हैं आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन हर तरफ़ रास्ते बंद नज़र आते हैं मुश्किलें और रुकावटें हटने का नाम नहीं ले रही हैं तो जान लीजिये कि कुरआन हम कहता है कि

مَن كَانَ يُْمِنُ بِٱللَّهِ وَٱلْيَوْمِ ٱلْـَٔاخِرِ وَمَن يَتَّق ِ ٱللَّهَ يَجْعَل لَّهُۥ مَخْرَجًا

जो कोई अल्लाह पर और आख़िरत के दिन पर ईमान लता है और अल्लाह से डरता है, तो अल्लाह उसे मुश्किल से निकलने का कोई न कोई रास्ता पैदा कर देगा (सूरह तलाक़ आयत न. 2

पांचवी आयत : कुरान की आयत अगर आप गुनाहगार महसूस करते हैं

अगर आपको ऐसा लगता है कि मेरीज़िन्दगी इतने गुनाहों में गुजरी कि आज अपने पैदा होने पर ही अफ़सोस रहा है, और अब पता नहीं अल्लाह तआला मुझे माफ़ करेगा कि नहीं, तो मायूस मत होना क्यूंकि कुरआन हम से कहता है कि

بِهِ ٱللَّهُ فَيَغْفِرُ لِمَن يَشَآءُ وَيُعَذِّبُ مَن يَشَآءُ لَٱلُ َّهُ عَلَىٰ كُلِّ شَىْءٍ قَدِيرٌ

जो बातें तुम्हारे दिलों में हैं चाहे तुम उसे ज़ाहिर करो या छिपाओ, अल्लाह तुम से उसका हिसाब लेगा; और फिर जिसे चाहेगा माफ़ कर देगा, और जिसे चाहेगा सज़ा देगा; क्योंकि अल्लाह हर चीज़ पर क़ादिर है (सूरह बक़रह आयत न. 284)

यानि माफ़ी की भी उम्मीद रखिये

छठी आयत : जन्नत की उम्मीद के बारे

जो शख्स मन चाही ज़िन्दगी न गुज़ार कर रब चाही ज़िन्दगी गुज़ारे यानि अपने आपको वहां मौजूद रखे जहाँ अल्लाह चाहता है और वहां से अपने आपको निकाल ले जिस जगह को अल्लाह पसन्द नहीं करता तो कुरआन उसके लिए खुशखबरी देता है

يَُشِّرُهُمْ رَبُّهُم بِرَحْمَةٍ مِّنْهُ وَرِضْوَٰنٍ وَجَنَّـٰت ٍ لَّهُمْ فِيهَا نَعِيمٌ مُّقِيمٌ

उनका रब उन्हें अपनी रहमत की, खुशनूदी की, और ऐसे बाग़ों की खुशखबरी देता है जिसमें उन्हें हमेशा हमेश का आराम रहेगा (सूरह तौबा आयत न.21

सातवीं आयत : नेकी करने वालों के लिए क़ुरान कहता है कि …

किसी भी जगह और किसी भी वक़्त में की गयी नेकी के बदले में कुरआन का फरमान है कि

نُصِيبُ بِرَحْمَتِنَا مَن نَّشَآءُ وَلَا نُضِيعُ أَجْرَ ٱلْمُحْسِ نِينَ

हम जिसे भी चाहते हैं उसे अपनी रहमत से नवाज़ देते हैं; और अच्छे लोगों को बदला देने से नहीं चूकते। (सूरह यूसुफ़ आयत न. 56)

आठवीं आयत : नेक कामों की तारीफ़ और इनाम के बारे में क़ुरान कहता है कि ….

जो लोग नेक काम करने में हमेशा आगे आगे रहते हैं कुरआन ने उनकी तारीफ़ और बदला देने के बारे में कुछ इस तरह बात की है कि

وَٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ وَعَمِلُوا۟ ٱلصَّـٰلِحَـٰتِ لَنُكَفِّرَن َّ عَنْهُمْ سَيِّـَٔاتِهِمْ وَلَنَجْزِيَنَّهُمْ أَحْسَنَ كلَّذِى َّ َانُوا۟ يَعْمَلُونَ

और जो लोग ईमान लाए और उन्होंने नेक अमल किए, हम उनसे उनके गुनाहों (पापों) को दूर कर देंगे और उनको उनके आमाल का बेहतरीन बदला अता फरमाएंगे (सूरह अनकबूत आयत न. 7 )

नवीं आयत : औरतों को इनाम

ऐसा बिलकुल नहीं है कि नेक आमाल का बदला सिर्फ़ मर्दों के लिए ही है औरतों का उस में कुछ हिस्सा नहीं है बल्कि कुरआन कहता है कि…

مَنْ عَمِلَ صَـٰلِحًا مِّن ذَكَرٍ أَوْ أُنثَىٰ وَهُوَ مُؤْمِنٌ فَل َنُحْيِيَنَّهُۥ حَيَوٰةً طَيِّبَةً وَلَنَجْزِيَنَّهُمْ أَجْرَهُم بِأَحْسَنِ مَا كَانُوا۟ يَعْمَلُونَ

मर्द हो या औरत, अगर मुसलमान है तो जो भी नेक अमल करेगा हम उसको ज़िन्दगी अच्छी तरह बसर कराएँगे और हम उनको उनके अच्छे कामों का बदला ज़रूर अता फरमाएंगे
(सूरह नहल आयत न. 97 )

दसवीं आयत : अपने आप को दुनिया के फ़रेब और धोके से दूर रखें

अगर आप अल्लाह के क़रीबी बनना चाहते हैं और जन्नतियों में अपना नाम लिखवाना चाहते हैं तो बस इतना करियेगा कि दुनिया के धोके में बिलकुल न पड़ियेगा क्यूंकि कुरआन कहता है कि….

يَـٰٓأَيُّهَا ٱلنَّاسُ إِنَّ وَعْدَ ٱللَّهِ حَقٌّ فَلَا تَغُرَّنَ ّكُمُ ٱلْحَيَوٰةُ ٱلدُّنْيَا وَلَا يَغُرَّنَّكُم بِٱللَّهِ ٱلْغَر ُورُ

ऐ लोगो, इसमें कोई शक नहीं कि अल्लाह का वादा सच्चा है। बस दुनिया की ज़िन्दगी तुम्हें धोके में न डाल दे और न कोई धोखेबाज (शैतान) तुम्हें अल्लाह के नाम से धोके में डाल दे। (सूरह फ़ातिर आयत न. 5 )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *