lailatul qadr ki nishaniyan

Lailatul Qadr Ki Nishaniyan | लैलतुल क़द्र की 6 निशानियाँ

Lailatul Qadr Ki Nishaniyan |

लैलतुल क़द्र की 6 निशानियाँ

रमज़ानुल मुबारक के आते ही एक रात का ज़िक्र और चर्चा खूब होता है और वो है लैलतुल क़द्र, और साथ ही कई सवाल भी आते हैं कि लैलतुल क़द्र की निशानियाँ क्या हैं और लैलतुल क़द्र की ख़ास दुआ क्या है जिसे उस बा बरकत रात में ज़्यादा से ज़्यादा पढ़ा जाये और इस रात का इतना तजकरा क्यूँ न हो, जब क़ुरआन ने ही इसे हज़ार रातों से अफज़ल बताया है , यहाँ पर हम ने हदीस को देखते हुए लैलतुल क़द्र की 6 निशानियाँ ( Lailatul Qadr Ki Nishaniyan ) बयांन की हैं

लैलतुल क़द्र की 6 निशानियाँ

1.ये रात ताक रातों में होगी

मतलब ये है कि 21, 23, 25, 27, 29 में ये रात मिल सकती है, यानि रमज़ान के आख़िरी अशरे (10 दिनों ) में अगर अपने आपको इबादत के लिए ख़ाली कर लिया जाये तो अल्लाह की ज़ात से उम्मीद है कि इस रात की इबादत का शरफ़ हमारे नामए आमाल में ज़रूर लिख दिया जायेगा |

2. इस रात रौशनी कुछ अनोखी सी होती है

शहर में ज़्यादा लाईटिंग की वजह से इस अनोखी रौशनी का पता नहीं चल पाता लेकिन वो लोग महसूस कर सकते हैं जो देहातों में हैं जहाँ पूरे इलाक़े में लाईट न हो

3. दिली सुकून इस रात दूसरी रातों के मुकाबले ज़्यादा होता है

इस रात इबादत करने वाला इन्सान अपने दिल में एक ऐसा सुकून महसूस करता है जो इससे पहले किसी रात में महसूस नहीं किया था यानि ये इत्मीनान और सुकून से भरी हुई रात है

4. उस रात आंधी या ज़लज़ला नहीं आएगा

लैलतुल क़द्र की रात में मौसम बिलकुल दरमियानी होगा कोई न कोई तेज़ हवा होगी और न ही बारिश

इसके बारे में अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास र.अ. रिवायत करते हैं कि : ये रात बहुत ही पुरसुकून होती है, कोई घुटन नहीं, कोई तंगी नहीं बिलकुल आज़ाद रात होती है, न ही इसमें कोई गर्मी की शिद्दत होती है और न ही इसमें कोई ज़्यादा ठंडक होती है बिलकुल दरमियानी रात होती है इस रात के बाद जब सूरज निकलता है तो उसमें ज़्यादा सुर्खी नहीं होती बल्कि सफ़ेदी ग़ालिब रहती है और सूरज में किरने नहीं होतीं

5. ख्व़ाब में दिखा दिया जाता है

कुछ अल्लाह के ऐसे नेक बन्दे होते हैं जिन्हें इस बाबरकत रात के बारे में पहले से ही ख्व़ाब में बा खबर का दिया जाता है जैसे कुछ सहाबा और हमारे नबी को ख्व़ाब में दिखा दिया गया था कि ये लैलतुल क़द्र की रात है

6. इस रात इबादत की लज्ज़त पूरे रमज़ान से ज़्यादा होती है

बन्दा इस रात रमज़ान की दूसरी रातों के मुकाबले इबादत में बहुत ज़्यादा लज्ज़त महसूस करता है और उसका दिल चाहता है कि वो इबादत में लगा रहे

अल्लाह हमें इस रात की इबादत और बरकत नसीब फरमाए 

आमीन

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