Eid Ki Namaz kaise padhen

Eid Ki Namaz Kaise Padhen | ईद की नमाज़ का तरीक़ा

Eid Ki Namaz Kaise Padhen

ईद की नमाज़ का तरीक़ा

रमज़ान का महीना अपनी पूरी आबो ताब के साथ अपनी तमाम रहमतों और बरकतों के साथ हम पर साया किये हुए था और इतनी तेज़ी से गुज़र गया कि कुछ अहसास ही नहीं हुआ और अपने पीछे जाते जाते अपना गम और ईद की ख़ुशियाँ छोड़ गया,

दुनिया में ईद यानि ख़ुशी का दिन हर कौम में पाया जाता है और इस ख़ुशी में मस्त होकर दूसरी क़ौमें जाएज़ और ना जाएज़ की परवा किये बगैर जश्न मानती हैं और उनके यहाँ ईद का मतलब है खुशियों में मस्त जाना और मन चाहे कामों को अंजाम देना जबकि इस्लाम की हर चीज़ निराली है उसने अपने मानने वालों को बेलगाम नहीं छोड़ा बल्कि बताया कि ईद का दिन ख़ुशी मनाने का भी है और नेअमतों की शुक्रगुज़ारी का दिन भी है

और हुक्म दिया कि नमाज़ से पहले सद्क़तुल फ़ित्र अदा करो, फिर दो रकात अदा करो, अपनी ख़ुशी में सब को शामिल करो, और इस्लाम ने इस दिन रोज़े को हराम क़रार दिया, खाने व खिलाने को बेहतरीन बताया और इस तरह के कई अहकाम उसने ईद के दिन भी अपने मानने वालों को दिए

तो ईद के दिन इबादत के तौर पर हमें ईदुल फ़ित्र की नमाज़ अदा करनी है उसको हम कैसे पढ़ें, आइये उसको समझ लें अगर आप घर पर ईदुल फ़ित्र की नमाज़ पढ़ रहे हैं तो उसके बारे में भी हमारी पोस्ट है आप उसे पढ़ सकते हैं

यहाँ पर ईद की नमाज़ के बारे में चार अहम् बातें याद रखें 

  1. ईद की हमें दो रकात नमाज़ अदा करनी होती हैं
  2. और इसमें न तो अज़ान कहनी होती है और न ही इक़ामत ( तकबीर )
  3. आम नमाज़ों के मुक़ाबले इस में 6 तक्बीरें ज़्यादा होती हैं
  4. इसमें ख़ुत्बा नमाज़ के बाद होता है

चलिए नमाज़ पढ़ें…

1. पहली रकात

Eid Ki Namaz Ki Niyat Kaise Karen | ईद की नमाज़ की नियत

नियत करता हूँ मैं दो रकात नमाज़ वाजिब, मय 6 ज़ायेद तकबीरों के, वास्ते अल्लाह तआला के, रुख मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ “अल्लाहु अकबर” कहते हुए हाथ बाँध लें

हाथ बाँधने के बाद सना पढ़ें : सुब हानकल लाहुम्मा व बिहम्दिका व तबा रकस्मुका व तआला जददुका वला इलाहा गैरुक

सना पढने के बाद तीन तक्बीरें कहनी है: अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

दो बार अल्लाहु अकबर कह कर कानों तक हाथ उठायें और छोड़ दें

तीसरी बार में अल्लाहु अकबर कह कर कानों तक हाथ उठायें और फिर बाँध लें

हाथ बाँधने के बाद अलहम्दु शरीफ़ और कोई सूरह पढ़ें फिर रुकू और सजदा करें |

2. दूसरी रकात

अब दूसरी रकात में जब आप खड़े होंगे तो अलहम्दु शरीफ़ और कोई सूरह पढ़ने के बाद फिर चार तक्बीरें कहनी हैं

अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर,

तीन तकबीरों में हाथ उठा कर छोड़ देना है, और चौथी तकबीर में बगैर हाथ उठाये रुकू में चले जाना है, इसके बाद फिर आम नमाज़ों की तरह

इस नमाज़ को पूरी करना है, उसके बाद दुआ मांगनी है

3. ख़ुत्बा

ख़ुत्बा सुनना वाजिब है इसलिए बगैर ख़ुत्बा सुने जाना नहीं होना चाहिए

ख़ुत्बा होने के बाद नमाज़ मुकम्मल हो गयी ( अगर ख़ुत्बा पढ़ना है तो इस लिंक पर जाएँ )

रहमतों और बरकतों वाले रमज़ान के इनआम में मिली ईद की ख़ुशी आप सभी को मुबारक

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