Roza Iftar Karne Ki Dua Tarjume Ke Saath | रोज़ा इफ़्तार करने की दुआ

Roza Iftar Karne Ki Dua Tarjume Ke Saath

रोज़ा इफ़्तार करने की दुआ

अल्लाह तआला के अता किये हुए इस मुबारक महीने में अल्लाह के बन्दे उसके लिए रोज़ा रखते हैं, दिन भर खाने पीने और मना की गयी तमाम चीज़ों से बचते रहते हैं, लेकिन जब इफ़्तार का वक़्त आता है और बंदा दस्तरख्वान पर मौजूद होता है तो एक तरफ़ तरह तरह की नेअमतें उसके सामने मौजूद होती हैं |

और दूसरी तरफ़ मस्जिद के लाऊड स्पीकर की तरफ कान लगाये होते हैं और दुआएं कर रहे होते हैं जैसे ही अज़ान देने वाला कहता है “अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर” तमाम मोमिन इफ़्तार करना शुरू कर देते हैं, ऐसे वक़्त में खाने और पीने का मज़ा दोगुना हो जाता है,

लेकिन क्या आप जानना चाहेंगे ऐसे वक़्त में हमारे नबी स.अ. क्या पढ़ते थे, तो नीचे दो दुआएं दी जा रही हैं आप उन्हें पढ़कर ही इफ़्तार करें ताकि रोज़े के सवाब में इज़ाफ़ा हो |

Roza Iftar Karne Ki Dua

पहली दुआ…

हज़रत इब्ने उमर र.अ. फरमाते हैं कि रसूलुल लाह स.अ. जब भी इफ़्तार करते तो फरमाते :

Roza Iftar Karne Ki Dua

Dua In Hindi : ज़हाबज़ ज़मउ वब तल्लतिल उरूक़ु व सबातल अजरु इंशा अल्लाह

Dua In English : Zahabaz Zamau Wab Tallatil Urooqu Wa Sabatal Ajru Insha Allah

Translation : प्यास जाती रही, रगें तर हो गयीं, और अज्र इंशा अल्लाह साबित हो गया

दूसरी दुआ…

हज़रत मआज़ बिन ज़ुहरा फरमाते हैं कि जब नबी करीम स.अ. रोज़ा इफ़्तार फरमाते तो ये दुआ पढ़ते

Roza Iftar Karne Ki Dua

Dua In Hindi : अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुम्तु व बिका आमन्तु व अलैका त वक्कलतू व अला रिज़ किका अफ्तरतु

Dua In English : Allahumma Inni Laka Sumtu Wabika Aamantu Wa Alaika Tawakkaltu Wa Ala Rizqika Aftartu

Translation : ए अल्लाह ! मैंने तेरे लिए रोज़ा रखा, और तुझ ही पर  ईमान लाया, और  तुझ ही पर तवक्कुल किया, और तेरे ही रिज्क से इफ़्तार किया |

 

इस दुआ को सीखें और दूसरों तक भी पहुंचाएं |

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