Islamic Month Rajab Hindi | 4 वजहों से इस्लाम में रजब महीने की इतनी अहमियत है

Islamic Month Rajab Hindi 

4 वजहें जिसकी वजह से इस्लाम में रजब महीने की इतनी अहमियत है

 

रजब ( Rajab ) इस्लामिक कैलेंडर में मौजूद 12 महीनों में से एक महीना है, और इन तमाम महीनों में अलग-अलग कुछ ख़ास और अहम् तारीखें हैं, जिन्की दुनिया भर के अरबों मुसलमानों के दिलों में एक ख़ास अहमियत है। वो अहम तारीख़े हम आपके सामने बयान करेंगे   और इस्लामिक कैलेंडर में रजब समेत चार सबसे पवित्र महीने हैं। लेकिन यहाँ सिर्फ हम रजब की अहमियत पर बात करेंगे |

1. अली इब्न-ए-अबी तालिब (र.अ.) की पैदाइश रजब के 13 वें दिन हुई थी

अली (र.अ.) अब तक के इतिहास के सबसे बहादुर इंसानों में से एक है। जब नबी स.अ.ने मक्का में इस्लाम की तरफ बुलाना शुरू किया था तो बच्चों में वह सब से पहले थे जो अल्लाह के नबी पर ईमान लाये । अली (र.अ.) मुहम्मद (PBUH) के चचेरे भाई और दामाद थे। उन्हें इस्लाम के चार ख़लीफ़ाओं में से एक के रूप में भी चुना गया था। वो हज़रत उस्मान र.अ. के बाद खलीफा बने |

 

2. नबी स.अ. का मेराज में जाना और जन्नत की सैर करना

यह इस्लामिक इतिहास की सबसे अहम् घटनाओं में से एक है, जब रजब की 27 वीं रात को इसरा और शब ए मिराज की रात हुई, इस में मुहम्मद (PBUH) ने केवल एक सेकंड में जन्नत का दौरा किया। कुरान में, यह लिखा है;

पाक है वो ज़ात जो अपने बन्दे को रातो रात मस्जिदे हराम से मस्जिदे अक्सा ले गयी जिसके आस पास हम ने बरकतें रखी हैं ताकि हम उनको अपनी कुदरत के नमूने दिखा दें यकीनन अल्लाह ही खूब सुनने वाले और देखने वाले हैं ( सुरह बनी इसराइल 1 )

रजब महीना हिंदी

3. रोज़ा रखना

हम अक्सर सुनते हैं कि रमज़ान में रोज़ा रखने से बड़ा फ़ायदा होता है लेकिन रजब में, जो रमज़ान के पवित्र महीने की तरफ़ है, इस महीने में रोज़ा भी आपको ज़्यादा से ज़्यादा इनाम दे सकता है। इस महीने के बारे में हमारे पैगंबर SAW के मुताल्लिक सहाबा फरमाते हैं कि हमारे नबी इस महीने में कसरत से रोज़ा रखा करते थे ;

4. इस्तगफार करना

माफ़ी मांगना, इस्तगफार करना : पाक पैगंबर मुहम्मद (स.अ.) फ़रमाया करते थे: “रजब इस्तिग्फार का महीना है, इसलिए अल्लाह से इस्तिग्फार करो (माफ़ी मांगो) ; वह हकीक़त में बहुत माफ़ करने वाला और महेरबान है। इस इस इस्तिग्फार को बार बार दोहराने पर जोर दिया गया है
अस्तग़फिरुल्लाह व अतूबु इलय्ह ”।

5. सदका करना

अगर आप इस पाक महीने में सदक़ा और दान करते हैं तो और ज्यादा सवाब के हक़दार हो सकते है। और अगर आपके पास चैरिटी देने के लिए काफी पैसा नहीं है तो आप इसे पढ़ सकते हैं;

सुब्हानल लाहिल जजलीलि सुब्हान मन ला यानबगिल तसबीहो इल्लल लाहू; सुब्हानल अज़ीज़िल अकरम; सुब्हान मल लाबिसल इजज़ा वा हुव लाहू अहलुन। ‘

 

इस महीने में जितना हो सके कलिमा “ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर रसूलुल्लाह” कहना। और सूरह इखलास “क़ुल हुवल लाहू अहद” पढना , आप के और आपके परिवार के लिए सुकून और नेअमतो की बौछार की वजह बन सकता है।

 

यही वजह हैं कि ये महीना इस्लामी कैलेंडर में मौजूद सबसे अहम् इस्लामी महीनों में से एक हैं। और इन सभी इस्लाम महीनों में अच्छा करने से हमें जन्नत हासिल करने में मदद मिल सकती है

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