3 types of rozedar

3 Types Of Rozedar hindi | रोजेदारों के 3 दरजात

3 Types Of Rozedar hindi

रोजेदारों के 3 दरजात

आप को मालूम होगा कि इस से पहले हम ने नमाज़ियों के दरजे पर एक पोस्ट लिखी थी जिसमें बताया गया था कि नमाज़ को तीन लोगों ने अलग अलग तरीक़े से पढ़ा तो किस की नमाज़ ज़्यादा अल्लाह को राज़ी करने वाली है, आज हम आप के लिए लेकर आये हैं रोज़ेदारों के तीन दरजात, जिसमें आप पढेंगे कि तीन लोगों ने रोज़ा रखा लेकिन अल्लाह की बारगाह में किस का रोज़ा ज़्यादा क़ुबूल होने का लाइक है

इमाम गज़ाली रह्मतुल्लाही अलैहि इरशाद फरमाते हैं कि

“रोज़े की तीन दरजात हैं”

1. आम रोज़ा

खाने पीने और बीवी से ताल्लुक़ बनाने से रुकना

एक रोज़ेदार ने रोज़ा रखा और बीवी से रोज़े की हालत में ताल्लुक़ नहीं बनाया, बस बाक़ी तमाम गुनाह वो आम दिनों की तरह करता रहा जैसे झूट, बकवास, गीबत, यानि ज़ुबान हाथ पाँव से जो भी गुनाह पहले करता था वो करता रहा रोज़ा होने की हालत में भी परहेज़ नहीं किया

2. ख़ास रोज़ा

आँख, कान, ज़ुबान, पाँव, और बदन के तमाम हिस्सों को गुनाहों से रोकना

एक रोज़ेदार ने रोज़ा रखा, उसको ये मालूम था कि रोज़ा सिर्फ खाने पीने और बीवी से रुक जाने का नाम नहीं है बल्कि रोज़े की हालत में जब हलाल चीज़ यानि खाना हराम हो गया तो जो चीज़ें पहले से ही हराम हैं उनकी बुराई तो और बढ़ गयी

वो ये भी जानता था कि हदीस में है कि “जो झूट गीबत, बदगोई से परहेज़ न करे तो उसके भूका रहने की अल्लाह को कोई ज़रुरत नहीं, इसलिए उसने आँख, कान, ज़ुबान, पाँव, हर चीज़ का रोज़ा रख लिया यानि इन से जो गुनाह हो सकते हैं उन तमाम गुनाहों से बच गया

3. सब से ख़ास रोज़ा

दिल का रोज़ा, यानि दिल का तमाम बुरे अखलाक़ से और दुनयवी ख्यालात से पाक रहना, और मख्लूकात से तवज्जो हटा कर सिर्फ़ अल्लाह की तरफ तवज्जो करना

रोज़ेदार ने रोज़ा रखा, वो जानता था कि रोज़े का मक़सद सिर्फ़ खाने पीने से रुक जाना नहीं है और सिर्फ गुनाहों से रुक जाना नहीं है बल्कि दिल को भी हर उस गन्दगी से पाक रखना है जो नाजायज़ है, और हर उस चीज़ को दिल से निकाल देना जो अल्लाह की तरफ से दिल को हटाने वाली हो

रमज़ान रोज़ेदार से यही चाहता है कि रोज़ेदार अपने दिल की हालत बदल ले, वो जिस्म से होने वाले गुनाहों से रुके और साथ ही दिल से होने वाले गुनाहों से रुके क्यूंकि जब दिल गुनाह और गन्दगी से पाक होगा तो

1.गुनाह उसको अच्छे नहीं लगेंगे

2. नेकी करने का दिल चाहेगा

3. अल्लाह की बात बहत जल्द दिल पर असर डालेगी

4. रोहानियत हासिल होगी

5. तक़वा हासिल होगा

6. पाकीजगी हासिल होगी

7. हलाल और आसान रिज्क हासिल होगा

8. अल्लाह के नेक बन्दों में शुमार होगा

9. इंसान फरिश्तों में मशहूर होगा

10. दिल ज़्यादातर वक़्त अल्लाह की याद में लगा रहेगा

जब पूरे महीने एक बंदा ये कर लेता है तो बाक़ी ग्यारह महीने भी ये करने में आसानी हो जाती है क्यूंकि पूरे महीने इस की प्रक्टिस की है, अल्लाह के करीब जाने की प्रक्टिस है और यही रमज़ान एक रोज़ेदार से चाहता है

अल्लाह हम सबको अमल करने की तौफ़ीक़ अता फरमाए

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