जादूगर जिन्नात को कैसे बुलाता है

इसके बहुत सारे तरीके है और सब में शिर्क या कुफ्र (अल्लाह का इनकार) साफ़ तौर पर मौजूद होता है इसमें आठ तरीके आपके सामने ज़िक्र करूँगा और किसी की तफसील नहीं बताऊंगा ताकि कोई इसको आजमा न सके

इसकी ज़रुरत इसलिए महसूस हुई क्यूंकि कई लोग कुरानी इलाज और जादू में फर्क नहीं कर पाते हालांकि पहला तरीका इमानी और दूसरा शैतानी है
इन तरीकों के बताने का मकसद सिर्फ ये है कि मुसलमान भाई गुमराही और शर के रास्तों से बच जाएँ और मुजरिम पेशा लोगों का रास्ता खुल कर सामने आ जाये

पहला तरीका

जादूगर नापाकी की हालत में एक अन्धेरे कमरे में बैठ जाता है फिर उसमे आग जलाता है और उसमे धूनी रख देता है अगर उसका मकसद नफरत पैदा करना या मियां बीवी में जुदाई डालना हो तो बदबूदार धूनी आग पर रखता है अगर उसका मकसद मुहब्बत पैदा करना हो तो वो आग पर खुशबूदार धूनी रख देता है फिर कुछ मंतर पढ़ कर जिन्नात को उनके सरदार की क़सम देता है और उनसे अपने काम करवाता है

इस तरीके में ये बाते ज़ाहिर है

  • जिन्नात अन्धेरे कमरे को पसंद करते है
  • जिनात को ऐसी धूनी से गिज़ा मिलती है जिस पर बिस्मिल्लाह न पढ़ी गयी हो
  • जिन्नात नापाकी को पसंद करते है
दूसरा तरीका

जादूगर जिनो की तरफ से बताई गयी ख़ास शक्ल का कोई परिंदा या जानवर बिस्मिल्लाह पढ़े बगैर ज़बह करता है जिसका रंग आम तौर से काला होता है ज़बह करने के बाद उसका खून मरीज़ के जिस्म पर मल देता है फिर उसे ऐसी जगह फेंकता है जहाँ आबादी न हो

तीसरा तरीका

ये जादूगरों का इन्तिहाई घटिया तरीका होता है इस तरीके को जो जादूगर अपनाता है उसकी खिदमत के लिए शैतानो का गिरोह उसके पास मौजूद होता है कुफ्र के एतबार से ये सब से बड़ा जादूगर माना जाता है इसपर अल्लाह की लानत हो

ये तरीका मुख़्तसर तौर पर कुछ यूँ है कि जादूगर (इसपर अल्लाह की लानत हो) कुराने मजीद की बेहुरमती करता है उसके इस अमल से शैतान उसके भाई बन जाते है और उसकी बात फ़ौरन मान जाते है

ऐसा जादूगर और भी बड़े बड़े कुफ्रिया काम करता है जैसे बहेन बेटी से जिना करना, इस्लाम को गालियाँ बकना वगैरह ताकि शैतान उस से राज़ी हो जाये

चौथा तरीका

जादूगर (इसपर अल्लाह की लानत हो) कुराने मजीद की कोई सूरत गन्दगी या नापाक चीज़ से लिखता है फिर कुछ मंतर पढ़कर जिनो को हाज़िर करके उनसे जो चाहता है करवाता है

पांचवा तरीका

जादूगर (इसपर अल्लाह की लानत हो) कुराने मजीद की कोई सूरत उलटे हुरूफ़ में लिखता है

छठा तरीका

जादूगर किसी ख़ास सितारे के निकलने का इन्तिज़ार करता है उस सितारे के निकलने पर मंतर पढ़ते हुए जादूगर ऐसी हरकते करता है उसके ख़याल में इन हरकतों से सितारे की बरकत उस पर होगी अल्लाह के अलावा किसी और की पूजा को देखते हुए शैतान उसके पास हाज़िर होकर उसकी खिदमत करता है जादूगर ये समझता है की ये सब सितारे की वजह से हो रहा है

और जादूगर ये दावा करते है की सितारे पर किया गया जादू तब तक ख़त्म नहीं होता जब तक वो सितारा फिर से न निकले और ऐसे सितारे भी है जो साल में सिर्फ एक बार निकलते है इसीलिए वो साल भर उस सितारे के निकलने का इन्तिज़ार करते है ताकि उस जादू का असर ख़त्म कर सके

बहरहाल ये जादूगरों का ख़याल है जबकि कुरानी इलाज करने वाले लोग इस सितारे का इन्तिज़ार किये बगैर भी इस जादू को तोड़ सकते है

सातवां तरीका

जादूगर एक बेवजू बच्चे को अपने सामने बिठाता है फिर उसकी हथेली पर एक चौकोर निशान बना कर उस पर मंतर लिख देता है फिर कुछ हुरूफ़ लिख कर उसके चेहरे पर रख देता है फिर बच्चे को एक चादर से ढांप देता है फिर कुछ मंतर पढ़ कर बच्चे से पूछता है

“तुम क्या देख रहे हो “

बच्चा जवाब देता है “ मै अपने सामने एक आदमी की शक्ल देख रहा हूँ “

फिर जादूगर बच्चे से कहता है “ उस आदमी से कहो की जादूगर तुम से ये काम करने को कह रहा है

ये तरीका आम तौर से गायब चीजों के पता लगाने के लिए इस्तिमाल किया जाता है

इन तरीकों में कहीं न कही शिर्क और कुफ्र पाया जाता है इसलिए ऐसे जादूगरों से बचे जो आपको रौशनी की तरफ न लेजाकर अँधेरे कुएं में धकेल दे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *