surah nasr ke 4 fayde hindi me

Surah Nasr Ke 4 Fayde Hindi Me | सूरह नस्र के 4 बड़े फ़ायदे

Surah Nasr Ke 4 Fayde Hindi Me |

सूरह नस्र के 4 बड़े फ़ायदे

आप ने क़ुरान की एक छोटी सी सूरह बार बार नमाज़ों में पढ़ी और सुनी होगी जिसका नाम है सूरह नस्र ( इज़ा जाअ नसरुल लाहि वल फ़त्ह ) लेकिन क्या सूरह नस्र के फ़ायदे ( Surah Nasr Ke 4 Fayde ) भी सुने हैं, अगर नहीं सुने तो जान लीजिये कि इस छोटी सी सूरह के बहुत बड़े बड़े फ़ायदे हैं

अगर हम इसकी तिलावत अल्लाह पर यक़ीन के साथ करेंगे तो अल्लाह के सामने कौन सी ऐसी चीज़ है जो नामुमकिन हो इसलिए इस सूरह के फ़ायदे हम आपके सामने बयान करने जा रहे हैं आप इसको अमल में लायें और रहमतों से मालामाल हों

कोई भी जाएज़ मक़सद हासिल करने के लिए

किसी पर परेशानियाँ और मुश्किलें बहुत ज़्यादा हैं और कोई ख़ास मक़सद है जो हासिल हो ही नहीं पा रहा है, तो सूरह नस्र को नीचे बताये गए तरीक़े पर पढ़े, इंशाअल्लाह 41 दिनों के अन्दर मुश्किल हल हो जाएगी और मक़सद हासिल हो जायेगा

  1. मगरिब की नमाज़ के बाद ये वज़ीफ़ा करना है
  2. 100 बार दुरूद शरीफ़
  3. 41 बार सूरह नस्र
  4. 100 बार दुरूद शरीफ़
  5. इसके बाद दुआ करें

नोट : 41 दिनों तक ये अमल करना है

क़र्ज़ अदा करने और माली तंगी दूर करने के लिए

कोई शख्स अगर क़र्ज़ के बोझ तले दबा हुआ हो, और अदा करने की कोई सूरत नज़र न आ रही हो, और माली मुश्किलें बढ़ती जा रही हों, तो ये सूरह नस्र को नीचे बताये गए तरीक़े पर पढ़ें, ये माली परेशानियों के लिए बहुत ही बेहतरीन हल है, इंशाअल्लाह खुशहाली रहेगी

  1. 11 बार दुरूद शरीफ़
  2. फ़ज्र या जुहर की नमाज़ के बाद 101 बार सूरह नस्र पढ़ें
  3. 11 बार दुरूद शरीफ़

नोट : 71 दिनों तक ये अमल करना है

बेदीन को दीनदार बनाने का अमल

आम तौर से ऐसा होता है कि हम दीनदार बनना चाहते हैं लेकिन बन नहीं पाते, या अगर हम दीनदार हैं लेकिन बेटा नहीं है बीवी नहीं है शौहर बेदीन है सिर्फ़ दुनियादारी से ही अपना ताल्लुक़ रखता है तो अपने हर खाने पर 7 बार सूरह नस्र पढ़ कर फूंक लिया करें या जिसको भी दीनदार बनाना चाहते हैं

तो उसके खानों पर 7 बार पढ़कर फूंक दिया करें, इंशाअल्लाह इस सूरह की बरकत से वो तौबा करेगा और दीन का नूर उसको हासिल हो जायेगा साथ ही अपनी ज़िन्दगी में दीन को अहमियत देना शुरू हो जायेगा

ख्व़ाब में नबी की जियारत के लिए

अगर कोई शख्स नबी करीम सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम से इतनी मुहब्बत रखता है कि उसके दिल में ये ख्वाहिश है कि काश कम से कम ख्व़ाब में ही आक़ा करीम स.अ. का दीदार हो जाये तो उसके लिए ये अमल बहुत कारगर होगा

  1. ये अमल सोने से पहले करना है
  2. 101 बार दुरूद शरीफ़
  3. 41 बार सूरह नस्र
  4. 101 बार दुरूद शरीफ़
  5. फ़िर या कबीरु या मुबीनु पढ़ते पढ़ते सो जाये

इंशाअल्लाह 7 हफ्ते नहीं गुजरेंगे कि नबी करीम स.अ. का दीदारे बा सआदत ख्व़ाब में होगा 

सूरह नस्र हिन्दी में पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएँ

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