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10 Kaam Ramzan Me Zaroor Karen | रमज़ान में 10 काम ज़रूर करें

10 Kaam Ramzan Me Zaroor Karen |

रमज़ान में 10 काम ज़रूर करें

रमज़ान का मुबारक महीना आ चुका है, और ये अपने अन्दर इतनी बरकत लिए हुए है कि ख़ुद अल्लाह के नबी (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) शाबान के महीने में ही इसकी तय्यारी शुरू कर देते थे, और इबादत में नेक कामों में और ज़्यादा तेज़ हो जाते थे यहांतक कि एक लम्हे को भी गंवाना नहीं चाहते थे

तो दोस्तों ! अगर आप इस महीने की बरकत में हिस्सा चाहते हैं तो सुस्ती और काहिली को दूर फेंक दीजिये, और सुबह से शाम तक अपने कामों के अलावा इबादत और नेक कामों का रूटीन बनाइये और उन नेक बन्दों में शामिल हो जाइये जो इस महीने का एक एक मिनट वसूलते हैं

तो आपको सुबह से शाम तक क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसकी लिस्ट हम ने यहाँ बयान की है, जो आपको एक नेक रूटीन बनाने में मदद करेगी, और इन कामों से आप अपने जिस्म और माल की ज़कात अदा कर पाएंगे

10 Kaam Ramzan Me

1.सच्चे दिल से तमाम गुनाहों से तौबा करना और खूब तौबा व इस्तेग्फार का इह्तिमाम करना

पहला तो इस्तेग्फार पढ़ना, और दूसरा है कि अपनी दुआओं में अल्लाह से अपने किये हुए गुनाहों की माफ़ी चाहना ये ध्यान में रखते हुए कि क्या मालूम अगला रमज़ान हमें नसीब हो कि न हो

2. रोज़ा रखने और तरावीह पढ़ने का पूरा एहतेमाम करना

रमज़ान की सब से अहम् इबादत है रोज़ा रखना, जिसके रोहानी फ़ायदे तो हैं ही, जिस्मानी फ़ायदे भी हैं और इसके रखने से अल्लाह तआला ख़ुश होते हैं, और तरावीह रात में क़याम करना है और दिन भर के बाद अल्लाह के सामने कुछ रकातें एक्स्ट्रा अदा करनी है जो इस महीने की बहुत अहम् इबादत है

3. रोज़े में आँख कान, नाक, ज़ुबान, दिल, दिमाग़ और जिस्मानी हिस्सों को हर गुनाह से बचाने की पूरी कोशिश करना

अगर आपने इबादत तो की, लेकिन गुनाहों से नहीं बच रहे, तो ये वही बात हो गयी कि कटोरे के बजाये छलनी में पानी लेना जिस में पानी तो आयेगा लेकिन निकल जायेगा, वैसे ही एक तरफ़ नेक अमल तो करते रहे लेकिन दुसरी तरफ़ गुनाहों से नेक आमाल को बरबाद करते रहे

4. बा जमात नमाज़ का एहतिमाम करना

जमात के साथ नमाज़ अदा करने का हुक्म तो पूरे साल है, और हदीस में इसकी ताकीद आई है और ख़ास कर रमज़ान में तो इसका सवाब कई गुना बढ़ कर मिलता है इसलिए कामों में मशगूल होकर इस से महरूम न रहें

5. इशराक़, चाश्त, अव्वाबीन, सलातुत तस्बीह, तहिय्यतुल मस्जिद, और तहज्जुद का मामूल बनाना

फ़र्ज़ नमाज़ के अलावा बहुत सारी नफ्ल नमाज़ें हैं जिसकी अदायगी से हम अपने रब से और भी ज़्यादा क़रीब हो सकते हैं और रमज़ान में तो इबादतों के लिए बहाना ढूंढना चाहिए और किसी भी तरह की कोताही नहीं करनी चाहिए

6. रसूले अकरम (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) की तालीमात का मुताला करना

हमारे आक़ा हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ने एक मुसलमान को नेक और सच्ची ज़िन्दगी गुज़ारने के लिए क्या सबक़ दिया है इसको पढ़ें और हदीस पढ़ने और उस पर अमल करने को रोज़ाना का मामूल बनायें

7. क़ुराने करीम की जितनी तिलावत हो सके करना

एक तो ख़ुद क़ुरान की तिलावत के ही बहुत सारे फ़ायदे हैं, दुसरे रमज़ान का क़ुरान से ऐसा रिश्ता है कि अल्लाह ने रमज़ान में ही क़ुरान उतारा, और जितने भी बुज़ुर्गाने दीन अब तक रहे वो रमज़ान में क़ुरान से अपना ताल्लुक़ मज़बूत बनाये रखते थे, और ज़्यादा तर वक़्त क़ुरान की तिलावत करते रहते थे

कम से कम एक आयत का तरजुमा और तफ़सीर भी पढ़ना

और अगर हो सके तो तिलावत के साथ उसका तरजुमा भी पढ़ लेना

8. चलते फिरते (ला इलाहा इल्लल लाह) का विरद करना, कभी कभी पूरा कलमा पढ़ कर दुरूद शरीफ़ पढ़ना

अल्लाह का ज़िक्र दिलों को इत्मिनान बख्शता है और रमज़ान हो या ग़ैर रमज़ान, अल्लाह के ज़िक्र को अपने दिल से लगाये रखें अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे न सिर्फ़ ज़िन्दगी बल्कि आख़िरत में भी सुकून हासिल होगा

9. जन्नतुल फ़िरदौस माँगना और जहन्नम के अज़ाब से पनाह माँगना

इन तमाम नेक आमाल के साथ साथ जब दुआ करना तो जन्नत की तलब करना जो नेक लोगों की जगह है और जहन्नम से पनाह माँगना जो बुरे लोगों की जगह है और अगर पूरे सच्चे दिल से आपने अल्लाह से कुछ माँगा तो ऐसा हो ही नहीं सकता कि आपको न मिले हाँ अगर कोई खिलाफ़ काम न किया हो

10. सदक़ा करना

अल्लाह की राह में ख़र्च करना और ग़रीबों को इफ्तारी व सहरी में शामिल करना एक बहुत ही नेक काम है, और सदक़ा करना तो वैसे ही माल बढ़ाता है तो अगर आप सदक़ा करते रहे तो इंशाअल्लाह इस महीने का असर आपको पूरे साल पर दिखने लगेगा

अल्लाह हमारी कमज़ोर इबादतों और नेक तमन्नाओं को क़ुबूल फरमाए

आमीन

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