Quran Me 5 Aurton Ke Naam

Quran Me 5 Aurton Ke Naam | कुरान में 5 अज़ीम औरतों के नाम

Quran Me 5 Aurton Ke Naam

कुरान में 5 अज़ीम औरतों के नाम

ये इस्लाम की 5 बहुत ही अज़ीम औरतों के नाम हैं, जिनका ज़िक्र कुरान पाक में किया गया है, क़ुरान पाक में सिर्फ हज़रत मरियम (अ.स.) का ज़िक्र नाम लेकर किया गया है जबकि बाकी को उनके खानदानी ताल्लुक़ात के ज़रिये बुलाया गया है जैसे मूसा अ.स. की माँ और फिरऔन की बीवी ।

1. हव्वा (अ.स.)

हव्वा (अ.स.) आदम (अ.स.) की पसली से पैदा हुई थी और आदम अ.स. की बीवी भी थीं, हव्वा (अ.स.) वो औरत हैं जिनको अल्लाह तआला ने सबसे पहले पैदा किया और उन्ही से इंसानियत की ज़िन्दगी की शुरुआत हुई, वह तमाम इंसानों की मां हैं।

हव्वा (अ.स.) की ज़िन्दगी से हमारे लिए सबक

जब जन्नत में उनसे खता हो गयी तो अल्लाह ने उनको और आदम अ.स. को ज़मीन पर भेज दिया, इस बात का उन्हें इतना पछतावा हुआ कि एक लम्बे अरसे तक वो अपने गुनाहों की माफ़ी मांगती रहीं जिससे फिर अल्लाह ने उनको अपनी मगफिरत के साये में ले लिया |

आदम (अ.स.) और हव्वा (अ.स.) की कहानी बताती है कि कैसे अल्लाह हमारे गुनाहों को माफ करता है और हमें एक नई ज़िन्दगी शुरू करने की उम्मीद देता है। उनका पछतावा और उस पर अल्लाह तआला से माफ़ी माँगना मुसलमानों को ये बताने के लिए काफी है कि हमेशा गुनाहों से माफ़ी मांगते रहें ।

कुरान में हव्वा (अ.स.) का ज़िक्र कहां है ?

हव्वा (अ.स.) का ज़िक्र कुरान में 7:23, 7:27, 39: 6, 30:20, 4: 1 और 7: 189 में है।

Quran Me 5 Aurton Ke Naam

2. उम्मे मूसा (अ.स.)

उम्मे मूसा, यानि मूसा ((अ.स.) की मां, जिन्होने ने मूसा अ.स. को मिस्र में फ़िरऔन के दौर में जन्म दिया, लेकिन फ़िरऔन ने बच्चों के क़त्ल का हुक्म दे रखा था । इसलिए अल्लाह तआला ने मूसा अ.स. की माँ को हुक्म दिया कि उनको एक टोकरी में रख कर समन्दर में डाल दें |

अल्लाह के हुक्म के बाद, उन्होंने अपनी ममता को क़ुरबान करके अल्लाह के हुक्म पर अमल कियायानि समंदर में डाल दिया, और बाद में अल्लाह तआला ने मूसा ((अ.स.) को अपनी माँ के पास वापस कर दिया और फिर वह अल्लाह के पैगंबर बने ।

उम्मे मूसा (अ.स.) की ज़िन्दगी से सबक

उम्मे मूसा (अ.स.) इस्लाम में बहुत अहम् मक़ाम रखती हैं, उनका अल्लाह तआला पर इतना मज़बूत यक़ीन दुनिया की तमाम औरतों के लिए एक आदर्श है। उनकी कहानी हमें अल्लाह पर यक़ीन रखने और उसके हुक्मों पर अमल करने के लिए कहती है, क्यूंकि दिए गए हुक्म के पीछे क्या है ये भले ही हम समझ न पायें लेकिन बाद में, हमें पता चल जाएगा कि अल्लाह ने हमारे लिए क्या चुना है।

कुरान में उम्मे मूसा (अ.स.) का ज़िक्र कहां है ?

कुरान में उम्मे मूसा (अ.स.) का ज़िक्र 20: 37-40 और 28: 7-13 में किया गया है।

3. हज़रत आसिया – फिरऔन की बीवी

हज़रत आसिया मिस्र के बहुत ही ज़ालिम बादशाह फिरऔन की बीवी थीं । हज़रत आसिया ने मूसा (अ.स.) को समंदर के किनारे बहता हुआ देखा तो उन्होंने अपने हसबैंड (फिरऔन) को इस बात के लिए मना लिया कि वो इस बच्चे को अपना बेटा मान लें । मूसा अ.स. हज़रत आसिया की परवरिश में ही बड़े हुए और अल्लाह के पैगंबर बन गए।

जब मूसा (अ.स.) ने लोगों को अल्लाह की ओर बुलाया तो फिरऔन ने मूसा (अ.स.) पर यक़ीन करने वालों पर ज़ुल्म किया, उसने हज़रत आसिया को भी सताया क्यूंकि वो अल्लाह पर यक़ीन करने लगी थीं । ऐशोआराम में रहने के बावजूद, उन्हें इस बात का यक़ीन हो गया था कि अगर अल्लाह के हुक्मों पर अमल किया जाये तो वो उसके लिए जन्नत में एक घर बनाएगा । इसीलिए उन्होंने अल्लाह के हुक्मों को पूरा करने में अपनी जान दे दी।

हज़रत आसिया की ज़िन्दगी से सबक

हज़रत आसिया के अन्दर अल्लाह पर इतना मज़बूत ईमान था कि वो फिरऔन जैसे ज़ालिम बादशाह के सामने डट कर खड़ी हो गयीं । उनकी ज़िन्दगी से हमें ये सबक मिलता है कि हमें ज़िन्दगी के ऐशोआराम के पीछे नहीं भागना चाहिए और अल्लाह की ख़ुशी के लिए हर एक क़ुरबानी देनी चाहिए |

कुरान में हज़रत आसिया का ज़िक्र कहां है ?

हज़रत आसिया का ज़िक्र कुरान में 28: 7-9 और 66:11 में किया गया है।

Quran Me 5 Aurton Ke Naam

4. मूसा अ.स. की बीवी

मूसा अ.स. जब मिस्र से मदयन आये तो वहां एक वाकिया पेश आया जिससे लोगों पता चला कि मुसा अ.स. बहुत ही ईमानदार और परहेज़गार आदमी हैं, वहां पर हज़रत शुऐब अ.स. की बेटी मौजूद थीं उन्होंने यह बात जाकर अपने बाप को बताई, फिर बाद में हज़रत शुऐब अ.स. ने हज़रत मूसा अ.स. से मुलाक़ात के बाद अपनी बेटी का निकाह मूसा अ.स. से करना चाहा ।

वह यानि उनकी बेटी एक बहुत अक्लमंद औरत थीं, ये जानते हुए कि मूसा अ.स. इसवक्त बेघर हैं उनके पास कुछ भी नहीं हैं, फिर भी उन्होंने मूसा अ.स. से निकाह कर लिया ।

मूसा अ.स. की बीवी की ज़िन्दगी से सबक

ये एक बड़ा वाकिया है जिसमें कई सबक हमें मिलेंगे लेकिन उनकी ज़िन्दगी से एक बड़ा सबक यह भी मिलता है कि एक औरत को किसी मर्द की ख़ूबियां देखनी चाहिए, न कि उसके पैसे या उसकी ज़िन्दगी में आने वाली चीजों को।

कुरान में मूसा अ.स. की बीवी का ज़िक्र कहां है ?

मूसा अ.स.की बीवी का ज़िक्र कुरान में 28: 22-28 में है।

5. मरियम (अ.स.)

मारियम (अ.स.) जिनको मैरी भी कहा जाता है, वो अकेली औरत हैं जिनका बाकायदा कुरान ने नाम लिया है सिर्फ यही नहीं बल्कि कुरान की 19 न. सूरह का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा गया है। वह पैगंबर ईसा (अ.स.) की माँ थी जिन्हें यीशु के नाम से भी जाना जाता है, वो कुरान की सबसे अज़ीम औरतों में से एक हैं ।

मरियम (अ.स.) की ज़िन्दगी से सबक

ईसा अ.स. जब पेट में थे तो वो बहुत मुश्किल वक़्त था जिसको कुरान ने भी बयान किया है कि लोगों ने उन पर गुनाह का इलज़ाम लगाया और बहुत बुरा भला कहा, लेकिन उन्हें अल्लाह का हुक्म था कि “ख़ामोश रहो” तो वो ख़ामोश रहीं। फिर अल्लाह ने उनको इल्ज़ामात से कैसे बरी किया ये जब आप सूरह मरियम पढेंगे तो समझ जायेंगे|

तो ऐसे मुश्किल वक़्त में जब उन पर एक बड़े गुनाह का इलज़ाम लगा, लेकिन उन्होंने कोई शिकवा नहीं किया बल्कि अल्लाह के हुक्म से अपनी खामोशी बरक़रार रखी इसलिए उनकी ज़िन्दगी से हमें ख़ामोश रहकर अल्लाह पर भरोसा रखते हुए मुश्किल वक़्त से लड़ने का सबक मिलता है ।

कुरान में मारियम अ.स. का ज़िक्र कहां है ?

मारियम अ.स. का ज़िक्र क़ुरान में 3: 42-43 और 45-47 और 21:91 में किया गया है।

Quran Me 5 Aurton Ke Naam

क़ुरान में मौजूद दूसरी औरतों के नाम ये हैं जिनको इशारतन ज़िक्र किया गया है

पैगंबर मुहम्मद स.अ.की बेटियां (कुरान 33:59)

पैगंबर मुहम्मद स.अ.की बीवियां (कुरान 33:59, 28 और 34)

बिलक़ीस “शीबा की रानी” (कुरान 27: 21-42)

पैगम्बर लुत अ.स. की बेटी (कुरान 11:79 और 15:71)

पैगंबर इब्राहिम अ.स. की बीवी (कुरान 11: 71-72)

इमरान की बीवी (कुरान 3: 35-36)

कुरान की इस इनफार्मेशन को आप ज़रूर शेयर करें 

One thought on “Quran Me 5 Aurton Ke Naam | कुरान में 5 अज़ीम औरतों के नाम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *