Namaz Jamat Ke Saath

Namaz Jamat Ke Saath | जमात के साथ नमाज़ पढने में 24 नेकियाँ

Namaz Jamat Ke Saath 

जमात के साथ नमाज़ पढने में 24 नेकियाँ

नमाज़ एक ऐसी अहम् इबादत है जिसको अल्लाह ने अकेले पढने के बजाये जमात के साथ अदा करने का हुक्म दिया है और जमात के साथ अदा करने से हमको क्या फ़ायदा मिलता है |

1. अज़ान का अमली जवाब नमाज़ बा जमात में दिया जाता है

2. बा जमात नमाज़ के लिए जल्दी चलना एक अलग नेकी है

3. सुकूनो वक़ार के साथ चलना भी इबादत है यानि चार बातों का ध्यान रखते हुए चलें निगाहें नीची करके और इधर उधर से नज़र बचाते हुए और अगर बात करनी पड़े तो अहिस्ता से करें

4. मस्जिद में दाखिल होने की दुआ पढने का मौक़ा मिलता है और ये बा जमात नमाज़ पढने की बदौलत नसीब होता है

5. दो रकात नफ्ल (तहिय्यतुल मस्जिद) पढने का मौक़ा मिलता है

6. नमाज़ का इन्तिज़ार इबादत है

7. फ़रिश्ते नमाज़ी के लिए मगफिरत की दुआ मांगते रहते हैं

8. क़यामत के दिन यही फ़रिश्ते इस नमाज़ी के लिए गवाह बनेंगे

9. बंदा इकामत (जमात के वक़्त की तकबीर) का जवाब देता है

Namaz Jamat Ke Saath

10. और इकामत की वजह से बंदा शैतान के शर से बचा रहता है

11. इमाम की तक्बीरे तहरीमा के इंतज़ार का सवाब मिलता है

12. खुद तक्बीरे ऊला का सवाब तो मिलता है ही

13. सफ सीधी करने का सवाब मिलता है और उसके साथ ख़ाली जगह पुर करने का सवाब तो है ही

14. रब्बना लकल हम्द सत्ताईस नेकियों में से एक नेकी है

15. नेक लोगों को देख कर अपनी नमाज़ अच्छी बनाना नसीब होता है

16. बजमात नमाज़ में खुशु व खुज़ू होता है

17. रहमत के फ़रिश्ते का ढांप लेना भी जमात की ही बदौलत है

18. कुरान पाक सुन कर अपनी मश्क़ हो जाना

19. जमात के साथ नमाज़ इस्लाम का शिआर है

20. शैतान को ज़लील करने का मौक़ा जमात में ही मिलता है

21. इमाम के सलाम का जवाब देने की नियत से सलाम फेरना

22. इज्तिमाई दुआ और ज़िक्र ये भी जमात के साथ ही हो सकता है

23. इमाम के कुरान पढने की वजह से मुकतदी का ख़ामोश रहना भी इबादत है

24. फरिश्तों की आमीन के साथ आमीन का मिल जाना भी जमात के बदौलत ही होता है

नोट : अगर ये इनफार्मेशन आपको पसंद आए तो इसको नीचे दिए गए शेयरिंग बटन से शेयर ज़रूर करें | अल्लाह आपका और हमारा हामी व मददगार हो 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *