6 सुन्नतें जो हर मां बाप को अपने बच्चे की पैदाइश के बाद अंजाम देनी चाहियें

Important Things For New Born Baby

औलाद खुदा तआला की सबसे अच्छी नेमतों में से एक है और इस नेमत का सही कदरदान बन्ने के लिए बच्चे की पैदाइश के बाद हर एक मां बाप को इन सुन्नतों पर अमल करना चाहिए

1.   अज़ान

बच्चे की पैदाइश के बाद उसके दाहिने कान में अज़ान और बाएं कान में इक़ामह कहनी चाहिए

क्यूंकि हदीस में है कि हमारे प्यारे पैगम्बर मुहम्मद सल्लाल लाहू अलैहि वसल्लम ने ऐसा किया था जब आपके नवासे हज़रत हसन रजियल लाहू तआला अन्हु पैदा हुए

अल्लामा इब्ने क़य्यिम ने इसकी हिकमत ये बताई है कि इस तरह बच्चे के कान में जो पहली आवाज़ पड़ती है वो अल्लाह की बड़ाई और अजमत वाले कलमात शहादत के अलफ़ाज़ हैं जिस के ज़रिये इंसान इस्लाम में दाखिल होता है जिसके असरात बच्चे के दिमाघ पर पड़ते हैं अगरचे वो इन असरात को अभी समझ नहीं पाता

एक हिकमत और बयान की गयी है कि दुनिया में क़दम रखते ही बच्चे पर शैतान का क़ब्ज़ा न हो और शैतान अज्जान से दूर भागता है इसलिए अज़ान दी जाती है

एक हिकमत और है कि पैदाइश के बाद अज़ान दी जाती है और दुनिया से जाने पर नमाज़े जनाज़ा पढ़ी जाती है जैसे आम नमाज़ों के लिए अज़ान दी जाती है और कुछ देर के बाद नमाज़ पढ़ी जाती है इसी तरह तमाम इंसानों को ये समझाना मक़सूद है कि पैदा होने के बाद अज़ान दी गयी और तुम्हारी जनाज़ा जल्द होने वाली है इसलिए अज़ान और नमाज़ के दरमियानी थोड़ी देर में आखिरत की तय्यारी करो ताकि मरने के बाद पछताना न पड़े

किसी ने सही कहा है

आये हुई अज़ान गए हुई नमाज़
बस इतनी देर का झगड़ा है ज़िन्दगी क्या है

 

2.    तहनीक

इसका मतलब है कि खजूर या छुहारा मुंह में चबाया जाये और और उसका थोडा हिस्सा ऊँगली पर लेकर बच्चे के मुंह में दाखिल किया जाये फिर ऊँगली को धीरे से दायें बाएं हरकत दी जाये ताकि चबाई हुई चीज़ पूरे मुंह में फ़ैल जाये ये सुन्नत अमल है और हदीस से इसका सुबूत भी है

हज़रत अस्मा (हज़रात अबू बकर की बेटी थीं ) अपने बेटे अब्दुल्लाह बिन जुबैर को लेकर नबी मुहम्मद सल्लाल लाहू अलैहि वसल्लम आयीं तो आप ने खजूर या छुहारा मंगवाया और और उसे चबा कर अब्दुल्लाह बिन जुबैर के मुंह में डाल दिया इस तरह जो पहली चीज़ अब्दुल्लाह बिन जुबैर के मुंह में गयी वो नबी मुहम्मद सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम का दहन मुबारक था

आज हमारे दरमियान नबी मौजूद नहीं लेकिन आपकी सुन्नत मौजूद है इसलिए किसी नेक आदमी से तहनीक की सुन्नत अदा करनी चाहिए

3.    नाम रखना

इस्लाम में बच्चे के लिए अच्छे नाम रखना की बड़ी अहमियत है अच्छे नाम वो जिनका मतलब भी अच्चा हो नबी मुहम्मद सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम ने हमेशा वो नाम रखे जिनकी मानी भी अच्छी हों

और बेहतर ये है कि हम अपने बच्चे का नाम पैगम्बरों के नाम पर और सहाबा (जो नबी के साथ थे) के नाम पर रखने चाहियें क्यूंकि अगर किसी सहाबी का नाम गलत होता तो नबी मुहम्मद सल्लाल लाहू अलैहि वसल्लम उसको बदल देते थे

इसलिए सहाबा के नाम पर नाम रखने का मतलब है कि नाम बिलकुल सही है

कितने पैगम्बरों के नाम कुरान ने बयान किये हैं

4.    अकीका (पैदाइश के सातवें दिन)

इसका दूसरा नाम सदका है और ये आपके बच्चे को बेशुमार बलाओं से और मुश्कलों व बिमारियौं से महफूज़ रखता है हदीस में है कि नबी मुहम्मद सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम ने हज़रत हसन और हज़रत हुसैन रजियल लाहू तआला अन्हुम का अकीका किया था

दो बकरे पर ये सुन्नत अदा होगी अगर लड़का हो

और एक बकरी पर ये सुन्नत अदा होगी अगर लड़की हो

5.   सर मूंडना

सातवें रोज़ अकीका के साथ बच्चे के सर के बाल मूंड दिए जाएँ और उन बालों के वज़न के बराबर चांदी फकीरों में बाँट दी जाये और ये मुस्तहब है

6.    खतना करना

बुलूगत से पहले खतना हो जाना चाहिए बेहतर ये है कि सातवें दिन ही इस काम को अंजाम दिया जाये नबी मुहम्मद सल्लाल लाहू अलैहि वसल्लम ने हज़रत हसन और हज़रत हुसैन रजियल लाहू तआला अन्हुम का खतना सातवें दिन किया था

अल्लाह हर मां बाप को अपने बच्चे के साथ इन्साफ करने की तौफीक दे

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