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3 Cheezon Se Kabhi Jadoo Nahin Hoga | 3 चीज़ों से कभी जादू नहीं होगा

3 Cheezon Se Kabhi Jadoo Nahin Hoga

3 चीज़ों से कभी जादू नहीं होगा

यक़ीनन आप किसी ऐसे शख्स से मिले होंगे जिसने ऐसा कहा हो कि “मुझ पर या मेरे खानदान में फलां पर जादू है और इसका इलाज बहुत किया लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ तो अगर तुम्हारी नज़र में कोई हो जो इलाज कर सके तो मुझे बता दो” तो सब से पहले तो आप इस बात को जान लें हर चीज़ पर यही समझना कि जादू हो गया है ये बड़ी बेवकूफी है हो सकता है उसको कोई बीमारी हो और किसी अच्छे डाक्टर को दिखा कर उस बीमारी से छुटकारा मिल सकता हो |

अब चूंकि बीमारी और शिफ़ा देने वाला अल्लाह ही है तो हमारे मुक़द्दर में शिफ़ा होगी तो ज़रूर मिल जाएगी, इसलिए मरीज़ को ठीक होने में वक़्त लग रहा हो तो सब्र और दुआ के साथ इलाज करें इंशाअल्लाह शिफ़ा मिलेगी |

लेकिन अगर जादुई वार है भी तो अल्लाह पर यक़ीन रखने वालों क़ुराने पाक से ताल्लुक़ रखने वालों पर इसका असर नहीं होता हम ने इस से पहले भी इसके इलाज के बारे में लिखा है आपको वो ज़रूर पढ़ना चाहिए खैर यहाँ पर हम ने कुछ बातें बयान की हैं जिनको अगर आप ज़िन्दगी में शामिल कर लें तो कितना ही खतनाक जादू क्यूँ न हो आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता |

jadoo in islam

3 बातें ऐसी हैं जिनपर अमल करने के बाद इंशाअल्लाह जादू (jadoo) आपको छू भी नहीं पाएगा

(1) जब भी घर में दाखिल हो तो “बिस्मिल्लाह”पढ़ो

हम जब घर में दाखिल होते हैं तो शैतानी ताक़तें हमारे साथ दाखिल होना चाहती हैं लेकिन जब हम दाखिल होते वक़्त अल्लाह का नाम ले लेते हैं और बिस्मिल्लाह पढ़ कर दाख़िल होते हैं तो उनको वहीँ से वापस जाना पड़ता है और इस तरह आप का घर शैतान, जादू, टोना टोटका वगैरा से महफूज़ रहता है |

(2) जब कपड़े उतारने लगो तो “बिस्मिल्लाह” पढ़ो

आम तौर से शैतान जादू का वार उस वक़्त हम पर करता है जब हमारे बदन पर कपड़ा न हो और हम नंगे हों और ऐसा तभी होता है जब हम कपड़े बदल रहे हों तो ऐसे में हमें बिस्मिल्लाह का ख़याल ज़रूर रखना चाहिए, क्यूंकि इस से उनकी आँखों पर पर्दा पड़ जाता है और वो हम पर असर अंदाज़ नहीं होते हैं ( ख़ास कर औरतों और लड़कियों को कपड़े बदलते वक़्त “बिस्मिल्लाह” ज़रूर पढ़नी चाहिए )

(3) बैतुलखला में जाने से पहले दुआ पढ़ लो

बैतुलखला में चूंकि इंसान फ़ारिग होने के लिए अपना जिस्म से कपड़े हटाता है फिर वहां मौजूद शैतान उसके जिस्म से खेलते हैं इसलिए जाते वक़्त हर हाल में दुआ ज़रूर पढ़नी चाहिए ( जोकि बैतुलखला जाते वक़्त पढ़ी जाती है ) ताकि शैतान ग़ालिब न आ सके

और अगर दुआ न पढ़ सको तो कम से कम “बिस्मिल्लाह” ज़रूर पढ़ लो जिस से शैतानी ताक़तें चाह कर भी क़रीब नहीं आ पातीं जिस से इन्सान जादू जैसी गलीज़ और गन्दी चीज़ से महफूज़ हो जाता है

अल्लाह तआला हम को शैतानी ताक़तों से महफूज़ रखे

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