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Nabi Ki Zindagi | 5 लोग जिनको नबी (स.अ.) ने माफ़ करके रहम और माफ़ी की नयी मिसाल कायम की

Nabi Ki Zindagi

5 लोग जिनको नबी (स.अ.) ने माफ़ करके रहम और माफ़ी की नयी मिसाल कायम की

रहमदिली और माफ़ी ये लफ्ज़ सुनने में जितना आसान लगता है इस पर अमल करना उतना ही मुश्किल है | वो मिसाल जो हमारे पैगंबर मुहम्मद (स.अ.) ने इन 5 लोगों को माफ करने के बाद क़ायम की है क़यामत तक आने वाले तमाम इंसानों के लिए एक बहुत बड़ा सबक़ है |

पैगंबर मुहम्मद (स.अ.) तमाम इंसानों के लिए रहमत हैं ये बात आप को इस पोस्ट से पता चल जाएगी अगर आप ने इन को नहीं पढ़ा है और इसके बाद आप नबी स.अ. को और ज़्यादा लाइक करने लगेंगे ।

ऐसे बेशुमार लोग थे जिनको नबी ने माफ़ किया था ये वो 5 लोग हैं जिन्होंने नबी स.अ. के साथ बढ़ चढ़ कर दुश्मनी की थी फिर भी हमारे पैगंबर मुहम्मद (स.अ.) ने उनको माफ़ कर दिया |

1. सुमामा बिन उसाल

सुमामा बिन उसाल ने नबी स.अ. के सहाबा के एक पूरे गिरोह को एक ख़त के जवाब में मार डाला था | वो ख़त जिसमें उसको इस्लाम की दावत दी गयी थी और वो ख़त सहाबा की एक जमात लेकर गयी थी |

बाद में उसे पकड़ लिया गया था और नबी के पास लाया गया लेकिन फिर पैगंबर (स.अ.) ने उसको आज़ाद कर दिया । सुमामा बिन उसाल, ने सोचा कि उसे इतनी बड़ी गलतियों के लिए माफ कर दिया गया और उस पर रहम किया गया , तब उसने इस्लाम अपना लिया।

2. सफवान बिन- उमैयह

सफवान बिन-उमैयह पैगंबर (स.अ.) को क़त्ल करने की साजिश में शामिल था। और उस ने कई बार मुसलमानों के खिलाफ लड़ाई भी लड़ी। लेकिन मक्का की फ़तह के बाद, नबी (स.अ.) ने उसे माफ़ कर दिया था फिर उसने इस्लाम क़ुबूल कर लिया ।

3. अबू सुफियान सखर इब्न हरब

अबू सुफ़यान सख़र इब्न हर्ब पैगंबर (स.अ.) के खिलाफ लड़ी गयी कई जंगों का लीडर बना और कई मौकों पर नबी स.अ. को मारने की भी कोशिश की। मक्का की फ़तह के बाद, पैगंबर (स.अ.) ने उसे माफ कर दिया फिर आख़िरकार उन्होंने भी इस्लाम क़ुबूल कर लिया ।

4. वहशी इब्न हरब

वहशी इब्ने हरब ने उहुद की लड़ाई के दौरान पैगंबर के प्यारे चाचा हज़रत हम्ज़ा (PBUH) को शहीद कर डाला था । हालाँकि यह पैगंबर (PBUH) के लिए एक पर्सनली मामला था, लेकिन वहशी इब्ने हरब ने तौबा करने और बाद में इस्लाम क़ुबूल कर लिया, उस के बाद उसे माफ कर दिया।

5. हिंद बिंत उतबाह

हिंद बिंत उतबा ने वहशी इब्न हरब को नबी के चाचा हज़रत हमजा को शहीद करवाने का हुक्म दिया और शहीद करवाने के बाद उनके जिस्म के हिस्सों को भी काट दिया। लेकिन, उसे मक्का की फ़तह के बाद पैगंबर (स.अ.) द्वारा माफ कर दिया गया।

 

दुरूदो सलाम हो हमारे नबी सललल लाहु अलैहि वसल्लम पर

 

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