Meraj Aur Isra Ka waqia In Hindi | शबे मेराज का कब और कैसे ?

Meraj Ka waqia In Hindi 

शबे मेराज का कब और कैसे ?

 

मेराज और इसरा ( Meraj Aur Isra ) का वाकिया इस्लाम में बहुत मशहूर वाकिया है

मेराज और इसरा कब पेश आया ?

और इस के बारे में सूरा अल-इसरा में ज़िक्र आया है लेकिन ये कब पेश आया और इस में ऐसा क्या हुआ था जो ये बहुत मशहूर हुआ

721 इसवी में और ये वो साल था जब नबी स.अ. के चचा अबू तालिब और बहुत ही हमदर्द बीवी हज़रत ख़दीजा (र.अ.) की वफात हो गई थी जिससे नबी स.अ. पर ग़मों का पहाड़ टूट पड़ा कि एक के बाद एक जो हमदर्द और खैरख्वाह थे इस दुनिया से चले गए ।

इसी साल रजब ( अरबिक महीने का नाम ) की 27 वीं तारीख थी रात का पहला हिस्सा था और नबी स.अ. बिस्तर पर आराम फरमा रहे थे कि जिबराइल अ.स. मुहम्मद (PBUH) के पास आये और फिर उन्होंने नबी स.अ. को बुराक पर सवारी किया |

नबी स.अ.ने मेराज में कौन कौन सी जगहों का सफ़र किया 

बुराक जो गधे से बड़ा और खच्चर से छोटा एक जन्नती जानवर है जिसका रंग सफ़ेद और रफ़्तार बिजली के जैसे थी ।

बुराक पर उन्होंने मक्का (मस्जिद अल हरम) से मस्जिदे अक्सा तक बस एक सेकंड में यात्रा की, ध्यान दिया जाए, इन दोनों के बीच की दूरी 1239.45 KM है और आपको हवाई जहाज से यात्रा करने में लगभग 1 घंटा 52 मिनट का समय लगता है, लेकिन हमारे पैगंबर मुहम्मद (PBUH) ने इसे कुछ ही सेकंड में पूरा कर लिया।

मस्जिदे अक्सा पहुँच कर बुराक से नीचे उतरे और वहां जितने नबी इससे पहले गुज़रे हैं सबको नमाज़ पढाई यानी सब के इमाम बनने का शरफ हासिल हुआ |

इसके बाद नबी स.अ. ने हज़रत जिबराइल अ.स. और दुसरे फरिश्तों के साथ आसमानों की तरफ तशरीफ़ ले गए और 7 आसमानों की सैर की और हर आसमान पर अलग अलग पैगम्बर मौजूद थे जिनसे नबी स.अ. की मुलाक़ात हुई

कौन कौन से पैगम्बरों से नबी स.अ.की मुलाक़ात हुई 

पहले आसमान पर हज़रत आदम अ.स. से मुलाक़ात हुई

दुसरे आसमान पर हज़रत ईसा अ.स. और हज़रत यहया से मुलाक़ात हुई

तीसरे आसमान पर हज़रत यूसुफ अ.स. से मुलाक़ात हुई

चौथे आसमान पर हज़रत इदरीस अ.स. से मुलाक़ात हुई

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पांचवे आसमान पर हज़रत हारून अ.स. से मुलाक़ात हुई

छठे आसमान पर हज़रत मुसा अ.स. से मुलाक़ात हुई

सातवें आसमान पर हज़रत इब्राहिम अ.स. से मुलाक़ात हुई

इसके बाद

बेतुल मामूर

बेतुल मामूर एक ऐसी जगह है जो खाने काबा के ठीक ऊपर है और फरिश्तों का किबला है रोजाना 70 हज़ार फ़रिश्ते उसका तवाफ़ करते हैं और फिर उनकी बारी नहीं आती

सिदरतुल मुन्तहा

इसके बाद आप सिदरतुल मुन्तहा तक गए

सिदरतुल मुन्तहा के बारे में आप ने बार बार नात में सुना होगा तो जान लीजिये ये सातवें आसमान पर एक बेरी का पेड़ है ज़मीन से जो चीज़ ऊपर जाती है वो सिदरतुल मुन्तहा तक जाकर रुक जाती है और और जो चीज़ उपर से नीचे उतारी जाती है वो सिदरतुल मुन्तहा पर आकर रुक जाती है फिर नीचे उतरती है इसीलिए इसका नाम सिदरतुल मुन्तहा है

सिदरतुल मुन्तहा वह बाउंडरी है जिसे हमारे पैगंबर (PBUH) के अलावा कोई पार नहीं कर सकता है और यह वह जगह है जहां पैगंबर (PBUH) से जिबराइल अ.स. ने कह दिया था कि इसके आगे मैं भी नहीं जा सकता सिर्फ आप ही जा सकते हैं |

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इसके बाद अल्लाह की बारगाह में हाज़िर हए और मुलाक़ात का शरफ हासिल हुआ खुदा तआला ने आप पर और आपकी उम्मत पर 50 वक़्त की नमाज़ें फ़र्ज़ फरमायीं (जो की बाद में 5 हो गयीं)

इसके बाद आसमानों से वापसी हुई पहले बेतुल मुक़द्दस में उतरे उसके बाद मक्का मुकर्रमा तशरीफ़ लाये |

लाखों दुरूदो सलाम हों हमारे पाक नबी स.अ. पर

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