hadees ka waqiya hindi me

Hadees Shareef Ka Waqia | सात खुशनसीब आदमी कौन हैं ?

Hadees Shareef Ka Waqia

सात खुशनसीब आदमी कौन हैं ?

कयामत के दिन के बारे में नबी करीम ( सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ने इरशाद फरमाया कि उस दिन तमाम लोगों को जमा किया जाएगा हर शख्स अपने आमाल के बक़द्र पसीने में डूबा हुआ होगा, किसी का पसीना पाँव तक, किसी का पेट तक, किसी का मुंह तक आया होगा |

उस दिन के बारे में क़ुरान पाक में आया है कि “जिस दिन आदमी अपने भाई, से अपनी मां से, अपने बाप से, अपनी बीवी से, और अपनी औलाद से भागेगा, क्यूंकि उन में से हर एक को उस दिन अपनी ऐसी फ़िक्र पड़ी होगी कि एक दुसरे का होश नहीं होगा |

सात खुशनसीब लोग

एक हदीस में अल्लाह के नबी करीम (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया कि सात लोग ऐसे हैं जिनको अल्लाह तआला इस दिन अपने अर्श के साए में जगह देंगे जिस दिन अल्लाह के साए के अलावा कोई और साया नहीं होगा |

1.आदिल ( इन्साफ करने वाला ) बादशाह

जिसने अपनी रिआया में इंसाफ के साथ हुकूमत की होगी

2. नौजवान जिस ने अपनी पूरी उम्र अल्लाह तआला की इबादत में गुजार दी

जवानी ऐसी होती है कि जिस्म ताक़त से भरा होता है और दिल में बड़ी तमन्नाएँ होती हैं, इन्सान का दिल उसको ख्वाहिशें पूरी करने को कहता है और इसी का शैतान पूरा फ़ायदा उठाता है और ग़लत कामों में लगा दता है |

लेकिन ऐसे वक्त को जो शख्स शैतान की बजाय अल्लाह तआला की इबादत में गुजारता है और हर लम्हे दूकान में हो या मकान में शरीअत के बताये गए हुक्म के हिसाब से ही चलता है तो क़यामत में उसे अर्श का साया नसीब होगा

3. वो शख्स जो मस्जिद से दिल लगाये रखता है

यानि नमाज के वक़्त का ख्याल रखता है दुनिया के कामों में लगकर भी वो नमाज़ से ग़ाफिल नहीं होता, बल्कि दुनिया के कामों को इस तरह पूरा करता है कि नमाज अदा करने में ये काम रुकावट न बने |

4. वो दो लोग जो अल्लाह तआला के लिए दोस्त बने

यानि वो लोग जो अल्लाह के वास्ते आपस में दोस्ती और मोहब्बत रखते हैं जब मुलाकात होती है तो उन की बातचीत ऐसी होती है कि दीन के काम को आगे बढ़ाया जाए और जब जुदा होते है तब भी इसी हाल में होते हैं दीन का काम अंजाम दिया जाए |

5. वो शख्स जो ज़िना ( बद्कारी) करने से बचे

जिसको कोई हंसीन व ख़ूबसूरत औरत गुनाह करने के लिए बुलाये और वह यह कहकर उस औरत के पास न जाये कि मैं अल्लाह से डरता हूँ यानि अल्लाह का इतना डर कि मौक़ा मिलने के बावुजूद भी गुनाह करने से बचे |

6. वो शख्स जो छुपा कर सदक़ा करे

यानि ऐसा शख्स जो इतना छुपा कर ख़र्च करे कि दायें हाथ से सदक़ा दिया तो बाएं हाथ को भी खबर न हो मतलब ये है कि सदक़ा लोगों को बताने और जताने के लिए और दिखावे के लिए न करें बल्कि सिर्फ अल्लाह की रजा हासिल करने के लिए के लिए करें |

7. वो शख्स जो तन्हाई में अल्लाह को याद करके रोये

वो शख्स जो जब भी अकेला होता है तो अल्लाह तआला की बड़ाई और अहसान को याद करके रोता है या अपने गुनाहों को याद करके रोता है और अल्लाह से माफी मांगता है |

अल्लाह तआला हमें क़यामत के दिन ज़िल्लत व रुसवाई से बचाए और जन्नत का हक़दार बनाये

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