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Ghusl Ka Tareeqa In Hindi | सुन्नत के मुताबिक गुस्ल कैसे करें

Ghusl Ka Tareeqa In Hindi

सुन्नत के मुताबिक गुस्ल कैसे करें

 

गुस्ल किसे कहते हैं

गुस्ल का मतलब नहाना है

गुस्ल कब फ़र्ज़ होता है

गुस्ल करना वैसे तो जिस्म की सफाई के लिए एक अच्छा अमल है लेकिन कुछ वजहें ऐसी हैं जहाँ पर शरीअत ने गुस्ल करना फ़र्ज़ कर दिया है और जब तक आदमी गुस्ल न कर ले नापाक रहता है और वो वजहें ये हैं

1. एह्तेलाम ( Nightfall ) होने के बाद

2. औरत से सोहबत ( Intercourse ) के बाद

3. औरत के हैज़ ( माहवारी ) बंद होने के बाद

4. निफास का खून ( बच्चे की पैदाइश के बाद आने वाला खून ) बंद होंने के बाद

 

वो चीज़ें जो नापाकी की हालत में करना मना और नाजायेज़ है

 

1. नमाज़ पढना

2. सजदाए तिलावत करना

3. काबे का तवाफ़ करना

4. कुरान पाक की तिलावत करना

गुस्ल के फ़राइज़ 3 हैं

फ़राइज़ का मतलब ये है कि अगर इन में से कोई चीज़ छूट गयी तो आपका गुस्ल नहीं होगा और अगर गुस्ल नहीं होगा तो वुजू नहीं होगा वुजू नहीं होगा तो नमाज़ नहीं होगी |

1. मुंह भर कर कुल्ली करना

2. नाक में पानी डालना

3. पूरे बदन पर पानी बहाना

 

गुस्ल की सुन्नतें ( Gusl Ki Suunate ) 5 हैं

गुस्ल करते वक़्त अगर सुन्नतों को भी शामिल कर लें तो सुन्नत पर अमल करने से आपका सवाब बढ़ जायेगा

1. दोनों हाथ शुरू में गट्टों तक धोना

2. जिस जगह नापाकी लगी हो उसको धोना

3. नापाकी दूर करने की नियत करना

4. वुजू करना

5. तमाम बदन पर पानी बहाना

गुस्ल कैसे करें ( How To Take Bath Properly )

यहाँ पर हम गुस्ल का तरीका बता रहे हैं जिस में फ़र्ज़ और सुन्नत दोनों शामिल हैं

1. दोनों गट्टों तक हाथ धोये

2. फिर बदन पर जहाँ नापाकी लगी हो उस को साफ़ करें

3. फिर जिस तरह नमाज़ के लिए वुजू करते हैं उसी तरह वुजू करें

4. फिर पूरे बदन पर पानी बहाए

5. फिर आखिर में दोनों पैर धोये

6. इतना ख्याल रखें कि कोई जगह सूखी न रहे अगर सूखी रह गयी तो गुस्ल न होगा

अगर गुस्ल के बाद याद आये कि फुलां जगह पर पानी नहीं पहुंचा तो फिर से गुस्ल करना ज़रूरी नहीं सिर्फ उसी जगह को धुल लेना काफी है
इसी तरह अगर कुल्ली करना नाक में पानी डालना भूल गया तो सिर्फ इसी कमी को पूरा कर दे दोबारा गुस्ल की ज़रुरत नहीं है |

 

गुस्ल के आदाब ( Etiquettes Of Bath ( ghusl )

जी हाँ गुस्ल के आदाब भी हैं वो ये कि

1. गुस्ल करने वाले को चाहिए कि कोई कपडा वगैरह बाँध कर नहाये

2. औरत को हर हाल में बैठ कर नहाना चाहिए

3. अगर नंगा नहाये तो किबले की तरफ रुख न करे

 

क्या गुस्ल के बाद वुजू की ज़रुरत है ?

अगर आपने ऊपर बताये गए सुन्नत तरीके के मुताबिक़ पहले वुजू किया फिर गुस्ल किया या अगर वुजू नहीं किया सिर्फ गुस्ल ही किया तो अब बाद में वुजू की ज़रुरत नहीं है इसलिए कि जिस्म के तमाम हिस्से को पाकी हासिल हो गयी |

गुस्ल खाने में पेशाब करना कैसा है ?

गुस्ल खाना अगर कच्चा है और उस में पानी जमा हो जाता है तो वहां पेशाब मकरूह तहरीमी ( हराम के क़रीब ) है और हदीस मुबारक में है कि अगर कोई गुस्ल खाने में पेशाब करता है तो उसे भूलने और वस्वसों का मर्ज़ हो सकता है इसलिए इससे बचना चाहिए |

नंगे गुस्ल करना कैसा है ?

अगर ऐसी जगह गुस्ल कर रहे हैं जहाँ किसी की नज़र नहीं पड़ती है तो नंगे गुस्ल करना दुरुस्त है लेकिन फिर भी बेहतर यही है कि तहबन्द वगैरा बाँध कर ही गुस्ल करे  |

 

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