Dowry | जहेज़ के कफ़न में लिपटी एक परी

जहेज़ के कफ़न में लिपटी एक परी 

उसके जले हुए जिस्म को कपडे से ढांप दिया गया

अब से एक घंटा पहले वो जीती जागती खूबसूरत सी लड़की थी

जो अपनी चूड़ियाँ छन्काती हुई किचन में शौहर की फरमाइश पर बिरयानी बनाने दाखिल हुई थी

उसने माचिस कि तीली जलाई ही थी कि उस के मुक़द्दर को भी आग लग गयी

वो चिल्ला भी न सकी

बस आग के बुलंद शोलों में उस ने सास और नन्द को मुस्कुराते हुए हैरत से देखा

उसे अपने बाबा के झुके कंधे, जुड़े हाथ और बहते आंसू दिखाई दिए

जो कम जहेज़ देने पे उस कि सास के आगे शर्मिंदा थे

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