Ayatul Kursi Ke Benefits

Ayatul Kursi Ke Benefits Aur Virtues | आयतुल कुरसी पढ़ने के फायदे

Ayatul Kursi Ke Benefits Aur Virtues

आयतुल कुरसी पढ़ने के फायदे

Hadees On Ayatul Kursi | हदीसें आयतुल कुरसी से रिलेटेड

हज़रत अबू हुरैरा र.अ. फरमाते हैं कि रसूलुल लाह स.अ. ने फ़रमाया : सूरह बकरा में एक आयत है जो तमाम आयतों की सरदार है, वो जिस घर में पढ़ी जाती है शैतान वहां से निकल जाता है (नसई शरीफ़)

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नसई शरीफ़ की रिवायत में है कि रसूलुल लाह स.अ. ने फ़रमाया : जो शख्स हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़ लिया करे तो उसको जन्नत में जाने के लिए मौत के सिवा कोई रुकावट नहीं है (यानि मौत के बाद फौरन वो जन्नत के राहतो आराम का मुशाहदा करेगा) |

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एक और रिवायत में है कि नबी स.अ. ने फ़रमाया : जो शख्स हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़ेगा वो दूसरी नमाज़ के आने तक खुदा की हिफ़ाज़त में रहेगा | (मजमउज़ ज़वाइद)

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एक दूसरी रिवायत के मुताबिक़ अगर कोई सोते वक़्त आयतुल कुर्सी पढ़ लेता है तो अल्लाह तआला एक फ़रिश्ता उसके लिए भेजते हैं जो तमाम बलाओं और मुसीबतों से उसकी हिफ़ाज़त करता है |

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उबय बिन कअब र.अ. फरमाते हैं कि रसूल स.अ. ने फ़रमाया : क्या तुम्हें मालूम है कि किताबुल लाह में से कौन सी आयत सब से अफज़ल है, तो मैंने अर्ज़ किया : अल्लाह और उसके रसूल ही ज्यादा बेहतर जानते हैं, आप स.अ. ने दोबारा फ़रमाया : कौन सी आयत सब से ज़्यादा अफज़ल है, तो मैंने अर्ज़ किया कि आयतुल कुर्सी सब से ज़्यादा अफजल है तो आप स.अ. ने मेरे सीने पर हाथ रख कर फ़रमाया कि अबुल मंज़र तुझे इल्म मुबारक हो ( यानि तुमने सही जवाब दिया ) ( सहीह मुस्लिम )

Ayatul Kursi Ke Benefits Aur Virtues

एक बहुत मशहूर रिवायत हज़रत अबू हुरैरा र.अ. की है जिस में ये बयान किया गया है कि नबी स.अ. ने हज़रत अबू हुरैरा र.अ. को ज़कात में आई खजूरों की निगरानी करने के लिए मुक़र्रर किया तो आप इसी लिए वहां पर मौजूद थे, रात में देखा कि एक शख्स आया और खजूरें चुराने लगा तो इस पर हज़रत अबू हुरैरा र.अ ने उसको पकड़ा और कहा, मैं तुझे अल्लाह के नबी स.अ. के सामने ले जाऊँगा और शिकायत करूंगा, तो रोकर कहने लगा कि मेरे छोटे छोटे बच्चे हैं वो बहुत भूके हैं इसलिए मैं ऐसा करने पर मजबूर हो गया लेकिन अब नहीं आऊँगा, तो हज़रत अबू हुरैरा र.अ ने उसे छोड़ दिया |

सुबह नबी स.अ. से हज़रत अबू हुरैरा र.अ ने इस वाकिये का ज़िक्र किया तो नबी स.अ. ने फ़रमाया : वो कल फिर आएगा, तो हज़रत अबू हुरैरा र.अ तैयार हो गए कि आज आयेगा तो नहीं छोडूंगा |

दुसरे दिन उसे फिर खजूर चुराते हुए पकड़ा और कहा कि आज नहीं छोडूंगा, तो उस दिन फिर अपने बीवी बच्चों का वास्ता देकर खूब रोना रोया, तो हज़रत अबू हुरैरा र.अ को रहम आया और उसे फिर छोड़ दिया, सुबह नबी स.अ. ने हज़रत अबू हुरैरा र.अ से सवाल किया कि : ए अबू हुरैरा; तुम्हारे क़ैदी का क्या हुआ ? तो उन्होंने कहा कि आया था लेकिन मैंने उसे छोड़ दिया तो नबी स.अ. ने फ़रमाया : वो कल फिर आएगा तो हज़रत अबू हुरैरा र.अ ने कहा : आज तो बिलकुल नहीं छोडूंगा;

अगली रात वो फिर पकड़ा गया तो हज़रत अबू हुरैरा र.अ ने कहा : आज तुझे बिलकुल नहीं छोडूंगा, तो जब उस ने देखा कि ये बिलकुल मुझे नहीं छोड़ने वाले तो उस ने कहा : अगर तुम मुझे छोड़ दो तो मैं तुम्हें ऐसी दुआ बताऊंगा कि अगर तुम रात को सोते वक़्त उसे पढ़ लो तो एक फ़रिश्ता सुबह तक शैतान से तुम्हारी हिफाज़त करेगा,इस पर हज़रत अबू हुरैरा र.अ ने कहा अच्छा ठीक है बताओ, तो उस ने कहा : आयतुल कुर्सी अगर तुम सोते वक़्त पढ़ लो तो एक फ़रिश्ता सुबह तक शैतान से तुम्हारी हिफाज़त करेगा |

अगली फिर सुबह नबी स.अ. ने हज़रत अबू हुरैरा र.अ से सवाल किया कि ए अबू हुरैरा; तुम्हारे क़ैदी का क्या हुआ ? तो उन्होंने कहा कि आया था लेकिन मैंने उसे छोड़ दिया क्यूंकि उसने मुझे एक दुआ सिखाई थी तो नबी स.अ. ने फ़रमाया अबू हुरैरा : ये बात उस ने सच कही हालाँकि वो हमेशा झूट ही बोलता है, तुम्हें पता है कौन था वो ? हज़रत अबू हुरैरा र.अ ने पुछा कौन था : फ़रमाया वो शैतान था अपने आपको छुड़ाने के लिए उसने ये बात बताई और ये बात सच्ची थी |

Benefits of Ayatul Kursi

इन हदीसों को देखा जाये तो आयतुल कुर्सी कुरान की तमाम आयतों में सब से आला व अफज़ल है और इसकी बड़ी फ़ज़ीलत और पाबंदी से पढने पर बड़ा सवाब है ख़ास कर

1. फ़र्ज़ नमाज़ों के बाद पढने से अगली नमाज़ तक अल्लाह अपनी हिफाज़त में ले लेता है

2. रात को सोते वक़्त पढने से अल्लाह तआला एक फ़रिश्ता हिफाज़त के लिए मुक़र्रर कर देता है

3. जिस घर में पढ़ी जाती है शैतान वहां से निकल जाता है

4. इस आयत को पढने से मरने के बाद सीधा जन्नत में जायेगा

5. इसको पढने से डर और खौफ़ से नजात मिलती है 

और बेशुमार इसके फ़ायदे हैं इसलिए आप और हम मिलकर नबी के बताये हुए इस ख़ास अमल को अपनी ज़िन्दगी में लाये और दूसरों को भी अमल पर उभारें |

आयतुल कुर्सी हिन्दी तर्जुमे के साथ पढ़ने के लिए क्लिक करें

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