Chasht ki namaz kaise padhen

Chasht ki Namaz Kaise Padhen | नमाज़े चाश्त कैसे पढ़ें ?

Chasht Ki Namaz Kaise Padhen

नमाज़ चाश्त कैसे पढ़ें ?

इस नमाज़ का दूसरा नाम सलातुज़ ज़ुहा है और ये एक नफ्ल नमाज़ है कोई फ़र्ज़ और वाजिब नहीं है और इस नमाज़ की हदीस में बड़ी फ़ज़ीलत आई है 

चाश्त की नमाज़ की फ़ज़ीलत ( Namaze Chasht )

हज़रत अबू दरदा र.अ. से रिवायत है कि रसूलुल लाह स.अ. ने फ़रमाया : जो आदमी चाश्त की 2 रकात पढ़े वो गाफ़िलों में शुमार नहीं होता, और जो 4 रकात पढ़े वो इबादत गुज़ारों में शुमार होता है, और जो 6 पढ़े उसका पूरा दिन सलामती के साथ गुज़रता है, और जो 8 पढ़े अल्लाह उसे फरमा बारदारों में लिख देते हैं, और जो 12 पढ़े अल्लाह तआला उसके लिए जन्नत में एक महल बना देते हैं |

चाश्त की नमाज़ का वक़्त (

क़रीबन सूरज निकलने के बीस मिनट बाद इशराक़ की नमाज़ का वक़्त होता है और थोड़ा सा सूरज जब ऊपर और चढ़ता है और उसमें ज़रा गर्मी आ जाती है तो चाश्त का वक़्त शुरू होता है और ये वक़्त ज़वाल तक रहता है |

कौन सी सूरतें इस नमाज़ में पढ़ें ?

अगर किसी को सूरह वज़ ज़ुहा और सुरह वश शम्स याद हो तो इन सूरतों को पढ़ ले अगर याद न हो तो जो सूरह चाहे पढ़ सकता है

नमाज़े चाश्त में कितनी रकातें पढ़ें ?

नमाज़ चाश्त 2 रकात से लेकर 12 रकात तक साबित है, लेकिन अगर कोई दो ही रकात पढ़ ले तो भी इस नमाज़ का सवाब मिल जायेगा |

इस नमाज़ की नियत कैसे करें ?

ज़ुबान से कहना ज़रूरी नहीं है हाँ अगर आप कह लें तो मुस्तहब है : नियत करता/करती हूँ मैं दो रकात नमाज़ नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबे शरीफ़ की तरफ “अल्लाहु अकबर

क्या ये नमाज़ 4-4 रकात करके पढेंगे ?

नहीं, दो दो रकात करके पढ़ें चाहे चार पढनी हो या बारह

इस नमाज़ में कुछ ख़ास चीज़ है जैसे ईद की नमाज़ में 6 तक्बीरें हैं ?

नहीं, बल्कि जैसे आप दो रकात नमाज़ आम तौर से पढ़ते हैं वैसे ही इसमें भी दो-दो रकात नफ्ल की पढनी है बस

 

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