10 Mistakes In Namaz | 10 आम गलतियाँ जो मुसलमान नमाज़ पढ़ते हुए करते हैं

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 10 Mistakes In Namaz

10 आम गलतियाँ जो मुसलमान नमाज़ पढ़ते हुए करते हैं

इस्लाम के पांच सुतून ( Pillars Of Islam ) हैं और नमाज़ उन में से एक है और इसे रोज़ाना पांच बार अपने अपने वक़्त पर पढने का हुक्म है। यह जरूरी है कि मुसलमान इसे उसी तरह पढ़ें जिस तरह उस का हुक्म है |

जल्द बाज़ी में पढ़ी गयी नमाज़ न सिर्फ़ अपनी रूह खो देती है बल्कि सवाब से महरूम रह जाती है और कभी कभी तो हमें अहसास भी नहीं होता कि हमारी नमाज़ फ़ासिद हो चुकी है इसे दोबारा पढने की ज़रुरत है |

हमारे नबी स.अ. ने फ़रमाया कि नमाज़ मोमिन की मेराज है और अल्लाह से मुलाक़ात का एक बेहतरीन ज़रिया है इसलिए ये गलतियाँ अगर दोहराते रहे तो हम नमाज़ के जो रोहानी और जिस्मानी फ़ायदे हैं उन से महरूम रह जायेंगे |

 

यहाँ 10 आम गलतियाँ हैं जो नमाज़ के दौरान  होती हैं;

1. जानबूझकर नमाज़ में देर से पहुंचना :

दुनियावी मामलात में उलझने पर हम अक्सर नमाज़ को उसके मुक़र्ररा वक़्त से देर में पढ़ते हैं। यह हम में से अक्सर लोगों की सबसे आम गलती है। हम सोचते हैं कि नमाज़ तो पढ़ लेंगे पहले इस काम को निपटा लें

नमाज़ से न कहें कि मुझे काम करना है

बल्कि काम से कहें कि मुझे नमाज़ पढ़ना है

2. नमाज़ में रकात पाने के लिए मस्जिद में दौड़ना

न सिर्फ नमाज़ बल्कि मस्जिद के आदाब व एहतराम के खिलाफ ये बात है कि हम नमाज़ के लिए दौड़ कर सफ में शामिल हों और ऐसा तभी होता है जब हम लेट आते हैं ऐसे में न तो वुजू सही हो पता है और न नमाज़ का हक अदा होता है |

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3. नमाज़ पढ़ते हुए जल्दी करना

नमाज़ को धीरे और इतमिनान से पढ़ा जाना चाहिए। पैगंबर मुहम्मद (SAW) का इरशाद है कि हमें नमाज़ इस तरह से पढने की जरूरत है कि उसका हर हिस्सा (चाहे रुकू हो या सजदा) सुकून से अदा हो । एक और हदीस में है : “जो अपने रूकू और सजदे को ठीक से अदा नहीं करता, उसकी उसकी नमाज़ बातिल है।” (अबू दाऊद)

4. नमाज़ में कुरान तेजी से पढना:

नमाज़ अल्लाह से मुलाक़ात का एक जरिया है। इसलिए इस में ठहर ठहर कर कुरान पढ़ें । सूरह को इतनी तेजी से न पढ़ें कि एक आयत दूसरी आयत में मिल जाए।

5. ज़रुरत से ज्यादा हरकत ( हिलना डुलना ) करना :

नमाज़ पढ़ते हुए ऐसी हरकतें करना कि देखने वाला समझे कि आप नमाज़ में नहीं है या नमाज़ नहीं पढ़ रहे हैं ये चीज़ नमाज़ को फ़ासिद (तोड़) कर देती है |

6. नमाज़ में अपने इमाम से पहले चलना:

किसी को इमाम के साथ मुकाबला नहीं करना चाहिए यानी इमाम के पहले या इमाम के साथ आगे बढ़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि सही ये है जब इमाम अल्लाहु अकबर कहे, तो पीछे पढने वाले मुकतदी को “अल्लाहु अकबर” कहना चाहिए। इमाम से पहले या इमाम के साथ नहीं। क्यूंकि हदीस में इमाम को फालो करना बताया गया है |

7. नमाज़ के दौरान दाएं, बाएं या ऊपर की ओर देखना :

नमाज़ में, आदमी को उस जगह पर ध्यान लगाना चाहिए जहां वो सजदा कर रहा है । क्योंकि क्यूंकि इधर उधर कनखियों से देखने से एकाग्रता खो सकती है। क्यूंकि ..

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सजदा सही तरीके से न करना:

नमाज़ों में देखी जाने वाली आम गलतियों में से एक ये है, कि सजदे में सिर्फ माथा (पेशानी) रखते हैं और नाक ज़मीन पर नहीं रखते जबकि नाक ज़मीन पर लगाना वाजिब है । और हदीस में भी इसकी वजाहत आई है |

8. नमाज़ पढ़ने वाले शख्स के सामने गुज़रना :

पैगंबर मुहम्मद (SAW) ने फ़रमाया : “जो शख्स नमाज़ पढने वाले के सामने से गुजरने का अंजाम जान ले तो , वह गुजरने के मुकाबले में चालीस साल तक इंतज़ार को बेहतर जानता (बुखारी)। इसलिए हमें ऐसे व्यक्ति के सामने गुजरने से बचना चाहिए जो नमाज़ पढ़ रहा हो।

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9. नमाज़ से पहले बुरी गंध (Smell) वाली चीज़ खाना :

ख़ास कर नमाज़ से पहले ऐसे खानों से बचना चाहिए जिनमें लहसुन या प्याज आदि की बदबू आ रही हो, क्योंकि खराब गंध से फरिश्तों और नमाज़ पढने वाले लोगों को परेशानी हो सकती है। आम हालत में खा सकते हैं लेकिन नमाज़ के वक़्त इन चीज़ों के इस्तेमाल से बचना चाहिए |

10. नमाज़ में पढ़ी जाने वाली सूरतें और तस्बीहात का सही न होना

यानि कुरान जो हम पढ़ रहे हैं क्या हम ने किसी से सीखा है ? आम सी बात है किसी भी चीज़ को ठीक से करने के लिए हमें किसी एक्सपर्ट से उसको सीखना पड़ता है लेकिन नमाज़ के साथ हमारा मामल ऐसा है कि पूरी ज़िन्दगी नमाज़ पढ़ते हुए बिता देते हैं लेकिन उसको सीखने उस में पढ़े जाने वाले क़ुरान और तस्बीहात की बिलकुल फ़िक्र नहीं करते |

 

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2 Comments on “10 Mistakes In Namaz | 10 आम गलतियाँ जो मुसलमान नमाज़ पढ़ते हुए करते हैं”

  1. जनाब इतनी सारी बातें बताई पर नमाज की नियत ही नहीं बतलाई आपनें इसेही समजा देते तो यह सब की जरूरत ही नहीं पड़ती
    मैंने तो एकाग्र होकर अपना मुख उसकी ओर कर लिया है, जिसने आकाशों और धरती को पैदा किया। और मैं साझी ठहरानेवालों में से नहीं।” (क़ुराआन 6:79)

    1. shukriya ap ke comment ka
      namaz ki niyat ke bare me hamne namaz ke tareeqe men bataya hua hai aap dekh sakte hain

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