Safar Ki Dua In Hindi :
सफ़र में हादसों से बचने के लिए 3 अहम दुआएँ
सफ़र हमारी ज़िन्दगी का बहुत अहम् हिस्सा है, क्यूंकि हर सफ़र में नयी मन्जिल की तलाश होती है, और नयी उम्मीद जुड़ी होती है, लेकिन एक हक़ीक़त ये भी है कि सफ़र में अनजान खतरे, हादसे और परेशानियाँ छुपी होती हैं, इसलिए इस्लाम ने हमें सिखाया है कि सफर की शुरुआत दुआओं से और अल्लाह की याद किया करो, ताकि सफर आसान, महफूज़ और पुरसुकून बने। तो आज हम 3 दुआएं (Safar Ki Dua In Hindi) बताएँगे जो आपको सफ़र से पहले और सफ़र के दौरान ज़रूर पढ़ना चाहियें |
नोट: सारी दुआएं कुरआन में हैं
पहली दुआ
पहली दुआ जो कि कुरआन की एक छोटी सी सूरह है जिसको सिर्फ़ 1 मिनट लगाकर पढ़ा जा सकता है लेकिन ये 1 मिनट इंशाअल्लाह आपको आने वाली अनदेखी मुसीबत से बचा सकता है, इसलिए जब सफ़र शुरू होने वाला हो तो उससे पहले 7 बार सूरह क़ुरैश (लि ईलाफी क़ुरैश) ज़रूर पढ़ लें इससे हिफाज़त और बरकत रहेगी ”

सूरह क़ुरैश (7 बार पढ़ें):
लि ईलाफि क़ुरैश
ईलाफिहिम रिह-लतश शिता..इ वस्सैफ
फल यअ’बुदू रब्बा हाज़ल बैत
अल्लज़ी अत’अ महुम मिन जूइंव वआम नहुम मिन ख़ौफ़
Surah Quraish (7 बार पढ़ें):
Li ilaafi Quraish.
Ilaafihim rihlatash shitaa’i was saif
Fal ya’budu rabba haazal bait.
Allazi at’amahum min ju’iw wa aamanahum min khawf.
सूरह क़ुरैश हिन्दी में तरजुमा और तशरीह पढ़ें
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दूसरी दुआ

ये दुआ जो कुरआन की सूरह ज़ुखरुफ़ आयत न. 13-14 में है, ये सफ़र करने की दुआ के लिए बहुत मशहूर है और ये ख़ास कर उस वक़्त पढ़ी जाती है जब आप सवारी पर सवार हो जाएँ और सवारी हरकत में आ जाये यानि चल पड़े, और इसको पढ़ने में आपको मुश्किल से 6 से 7 सेकंड लगेंगे, इसलिए आप जब भी गाड़ी, बस, ट्रेन या प्लेन में बैठें तो इस दुआ को ज़रूर पढ़ें।
दुआ (सवारी पर बैठते वक्त):
Hindi : सुब्हानल लज़ी सख्ख़रा लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बिना लमुन क़लिबून
Eng : Subhaanal Lazi Sakhkhara Lana Haaza WaMaa Kunna Lahu Muqrineen. Wa Inna Ilaa Rabbina Lamunqaliboon.
तरजुमा : पाक है वह (अल्लाह) जिसने इसे हमारे काबू में किया, वरना हम इसे काबू में नहीं ला सकते थे। और हम तो यक़ीनन अपने रब की तरफ लौटने वाले हैं।
तीसरी दुआ :
हज़रत नूह अ.स. के दौर में जब पानी का तूफ़ान आया तो हर जानिब से पानी आ रहा था यानि हर तरफ़ ख़तरा ही खतरा लेकिन वो अल्लाह के पैगम्बर थे उन्होंने न सिर्फ़ ये दुआ पढ़ी बल्कि अपने साथियों को भी सिखाई जिससे उनकी कश्ती हिफ़ाज़त से अपने मक़ाम तक पहुँच गयी, और ये दुआ सूरह हूद में मौजूद है (Surah Hood आयत न. 11:41) तो इसलिए जब कोई बड़ा सफर हो, जैसे समंदर पार जाना हो, या मौसम खराब हो तो हज़रत नूह अ.स. की ये दुआ ज़रूर पढ़ें, इंशाअल्लाह इस दुआ की बरकत से आप किसी भी तरह के नुक़सान से बचे रहेंगे |

Hindi : बिस्मिल्लाहि मजरेहा व मुरसाहा इन्ना रब्बी ल-ग़फ़ूरुर रहीम
Eng : Bismil laahi Majrehaa Wa Mursaahaa. Inna Rabbi La-Ghafoorur Raheem
तरजुमा : अल्लाह के नाम से है इसका चलना और ठहरना। बेशक मेरा रब बहुत माफ करने वाला और मेहरबान है।”
“इन दुआओं को पढ़ने में हमको सिर्फ़ चन्द सेकंड्स ही लगेंगे लेकिन कुरआन की आयतें पढ़ने का सवाब भी मिलेगा और जाने कितनी मुश्किलें आप पर से हटा दी जाएँगी इसलिए जब भी हम सफर शुरू करें, तो अल्लाह की रहमत और हिफाज़त को अपने साथ ले लें और उस पर भरोसा करें जिस तरह हर काम की शुरुआत अल्लाह के नाम से करते हैं तो सफ़र में क्यूँ नहीं जबकि उस वक़्त हमें अल्लाह की हिफ़ाज़त की सख्त ज़रुरत है
अब आप बताइए कि इस में से कौन सी दुआ आप को याद थी या अभी याद नहीं की थी मालूम नहीं था लेकिन इसको याद करेंगे और हमेशा इसके पाबन्द रहेंगे, अल्लाह त आला हम सबको अमल की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए आमीन

